स्वदेस फाउंडेशन का वावलौली ड्रीम विलेज में विकास का सपना साकार: डॉ. भारत बस्तेवाड ने किया निरीक्षण और योजनाओं पर चर्चा

महाराष्ट्र के रायगड जिले के सुधागढ़ तहसील के वावलौली ड्रीम विलेज (ग्राम पंचायत) में स्वदेस फाउंडेशन के सीईओ डॉ. भारत बस्तेवाड द्वारा विकास कार्यों का गहन निरीक्षण किया गया। यह दौरा ग्राम विकास के सपने को हकीकत में बदलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।
ग्राम विकास की झलक:
डॉ. बस्तेवाड ने गांव में स्थित आंगनबाड़ी केंद्र और प्राथमिक विद्यालय का दौरा कर वहां के शिक्षकों और बच्चों से बातचीत की। उन्होंने इन संस्थानों द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की और बच्चों की पढ़ाई और पोषण से जुड़े कार्यों को और सुदृढ़ करने के लिए सुझाव दिए।
पीएम जनमन योजना के तहत आवास निर्माण:
प्रधानमंत्री जनमन योजना के अंतर्गत गांव में बन रहे मकानों का निरीक्षण करते हुए डॉ. बस्तेवाड ने निर्माण की गुणवत्ता और प्रगति का जायजा लिया। उन्होंने ग्रामीणों के साथ बातचीत कर उनके विचार और समस्याएं सुनीं। इस योजना के तहत कई परिवारों को जल्द ही अपने घर का सपना पूरा होता नजर आ रहा है।
बकरी पालन यूनिट का निरीक्षण:
गांव में एनजीओ द्वारा संचालित बकरी पालन यूनिट भी चर्चा का केंद्र रही। इस परियोजना को ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। डॉ. बस्तेवाड ने यूनिट का दौरा कर इसकी प्रगति और संचालन की बारीकियों को समझा। उन्होंने इसे ग्रामीण महिलाओं के लिए एक स्थायी रोजगार और आय का स्रोत बताया।
ग्रामीणों और महिलाओं से संवाद:
निरीक्षण के बाद डॉ. बस्तेवाड ने ग्रामीणों और महिलाओं के साथ एक संवाद सत्र का आयोजन किया। उन्होंने उनकी समस्याओं को सुना और उनके समाधान के लिए आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया। साथ ही, उन्होंने आगामी योजनाओं और स्वदेस फाउंडेशन की भविष्य की कार्ययोजना पर विस्तार से चर्चा की।
ग्राम विकास के लिए प्रतिबद्धता:
डॉ. बस्तेवाड ने कहा, "वावलौली ड्रीम विलेज को एक आदर्श गांव के रूप में विकसित करना हमारा उद्देश्य है। यहां के बच्चों की शिक्षा, महिलाओं का सशक्तिकरण, और ग्राम विकास के हर पहलू पर हमारा फोकस है। यह गांव भविष्य में पूरे राज्य के लिए एक प्रेरणा बनेगा।"
स्वदेस फाउंडेशन का लक्ष्य:
स्वदेस फाउंडेशन ग्रामीण भारत को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए समर्पित है। शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण, और रोजगार जैसे क्षेत्रों में फाउंडेशन द्वारा किए जा रहे प्रयास वावलौली ड्रीम विलेज को एक मॉडल गांव में बदलने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रहे हैं। यह दौरा न केवल गांव की प्रगति का संकेत है, बल्कि इस बात का प्रमाण है कि जब सरकार, एनजीओ, और जनता साथ मिलकर काम करते हैं, तो विकास का सपना साकार हो सकता है। वावलौली गांव आज विकास और आत्मनिर्भरता की मिसाल बनने की राह पर है। डॉ. भारत बस्तेवाड का यह दौरा न केवल वावलौली गांव के विकास कार्यों का निरीक्षण था, बल्कि ग्रामीणों के साथ उनके सपनों और समस्याओं को साझा करने का एक प्रयास भी था। इस कदम ने न केवल गांव के विकास को नई गति दी है, बल्कि यह भी साबित किया है कि सही दिशा और नेतृत्व के साथ ग्रामीण भारत को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाया जा सकता है।