बिहार के 2005 प्राइवेट स्कूल बंद होने वाले हैं। दरअसल, बिहार शिक्षा परियोजना की ओर से बिहार के 2005 स्कूलों का यू-डायस बंद कर दिया गया है। इनमें 60,1500 स्टूडेंट्स हैं। इसमें मुजफ्फरपुर से सबसे ज्यादा 236 प्राइवेट स्कूल, सहरसा के 203 निजी स्कूल और पटना के 185 निजी स्कूलों को बंद किया गया है। बिहार शिक्षा परियोजना ने इन स्कूलों को सभी बच्चों की फीस भी वापस करने का आदेश दिया गया है। इसकी जिम्मेदारी जिला शिक्षा कार्यालयों को दी गई है। जिला शिक्षा कार्यालय से यू-डायस का कोड लिया था, लेकिन बच्चों को नामांकन कागज पर था, जिससे बच्चे निजी और सरकारी स्कूल दोनों ही जगह नामांकित थे। सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे थे। जब स्कूलों से बच्चों की जानकारी मांगी गई तो इन स्कूलों ने कोई जानकारी नहीं दी। बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने उनके यू-डायस कोड को रद्द कर दिया है। अब ये स्कूल हमेशा के लिए बंद हो जाएंगे।इस कदम ने निजी स्कूलों एवं अभिभावकों के बीच चिंता बढ़ा दी
वहीं छात्र डेटा संग्रह के लिए देश भर में यू-डायस प्लस पोर्टल को लागू करने के लिए शिक्षा विभाग के हालिया प्रयास की पूर्णतः आलोचना की है। इसके लिए प्रत्येक छात्र के लिए आधार कार्ड की अनिवार्यता है। इस कदम ने निजी स्कूलों एवं अभिभावकों के बीच चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि इससे छात्रों को आधार कार्ड प्राप्त करने की आवश्यकता होगी, जिससे संभावित व्यवधान और लंबी कतारें नोटबंदी युग की याद दिलाती हैं। प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद शमायल अहमद ने कहा की यू-डायस प्लस पोर्टल के आड़ में शिक्षा विभाग ने निजी विद्यालयों को बंद करवाने की साजिश रची है जो सभी अभिभावकों एवं विद्यार्थियों के समझ में बखूबी आ रहा है।
आधार कार्ड की अनिवार्यता को अविलम्ब ख़त्म करना चाहिए
राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद शमायल अहमद ने आरोप लगाया कि शिक्षा विभाग ने सूबे के 2005 निजी विद्यालयों को बंद करने का फरमान जारी किया है जो निंदनीयहै। यू-डायस प्लस पोर्टल एक सॉफ्टवेर है जिसमें स्टूडेंट्स के डेटा को भरना था अब इस कार्य को पूर्ण नहीं करने पर प्राइवेट स्कूल को मृत्यु दंड दिया जा रहा है जो कतई भी मान्य नहीं है। इस तरह के तुगलकी फरमान का विरोध पूरा राज्य के निजी विद्यालय संचालक, शिक्षक एवं अभिभावक करेंगे। शिक्षा विभाग ने दिखावे की सभी पराकाष्ठा को पार करते हुए सिर्फ शिक्षा के अधिकार के तहत पढने वाले बच्चो के नामांकन का फरमान सरकारी विद्यालयों में जारी किया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद शमायल अहमद ने शिक्षा मंत्री एवं मुख्यमंत्री से मांग किया है कि निजी विद्यालयों को यू डायस प्लस पोर्टल पर डेटा भरने हेतु दो महीने का समय मुहैया करवाया जाये ताकि सभी निजी विद्यालय अपने अपने विद्यालयों में पढने वाले विद्यार्थियों का डेटा यू डायस प्लस पोर्टल पर अपलोड कर सकें। साथ ही उच्चतम न्यायलय के आदेश के आलोक में आधार कार्ड की अनिवार्यता को अविलम्ब ख़त्म करना चाहिए अन्यथा कंटेम्प ऑफ कोर्ट का मामला बन सकता है जो शिक्षा विभाग के हक़ में नहीं होगा।