ब्यूरो प्रमुख- एन. अंसारी, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश
दाम ब्रांडेड कम्पनी का काम कर रहा है जीरो, मरीज हो रहे है परेशान
गोलाबाजार, गोरखपुर। आज कल बाजारों मे स्थित मेडिक्ल स्टोरो पर धड़ल्ले के साथ जेनरिक दवाएं बिक रही है।इन जेनरिक दवाओं का मूल्य ब्रांडेड कम्पनी के दवाओं के मूल्य के बराबर है ।लेकिन स्वास्थ्य लाभ में जीरो के बराबर है ।मरीज अपनी मर्ज को चिकित्सक बता रहा है ।चिकित्सक दवा लिख रहे है।मेडिकल स्टोरों से जेनरिक दवा मिलने के कारण मरीज को स्वास्थ्य लाभ नही मिल पा रहा है ।जिससे मरीज बेहद परेशान नजर आ रहे है ।स्वास्थ्य बिभाग के आला अफसरान भी अपनी आंखें बन्द किये हुए है ।हलांकि शासन का सख्त फरमान है मरीजो को सुलभ स्वास्थ्य लाभ प्रदान करावे ।लेकिन बाजारों में धड़ल्ले से बिक रहे जेनरिक दवाओसे स्वास्थ्य लाभ मिलेगा कैसे यह एक विचारणीय प्रश्न खड़ा पड़ा है।
प्राप्त बिबरण के अनुसार ब्रांडेड कम्पनियों के दवाओं की मूल्य बृद्धि देखते हुए गरीब तबके के लोगो को दवा सस्ते दरों पर उपलब्ध कराने के लिए शासनने बिकल्प के रूप जेनरिक दवाओ को बाजार में भेज दिया ।और जेनरिक दवाएं भी अपने मूल्य को ब्रांडेड कम्पनी के बराबर ही रखा। लेकिन जेनरिक दवा निर्माण करने वाली कम्पनियां दवा की पोटेन्सी को कम करते हुए बाजारों में भेजा ।दुकानदार ब्रांडेड कम्पनी की दवाओं के मूल्यों में कम लाभ पाते थे लेकिन जेनरिक दवाओं में उन्हें अच्छा खासा लाभ प्राप्त होने लगा।जिससे बाजारों में जेनरिक दवाओं का भरमार बन गया। बीमार मरीज डॉक्टर के पास इलाज के जा रहा है ।डॉक्टर से अपेक्षा भी कर रहा है कि हम जल्द स्वस्थ हो जाय।डॉक्टर रोगो का निदान कर दवा भी अपनी समझ से ठीक लिख रहे है लेकिन दुकानों पर जाने के बाद जेनरिक दवाएं मिलने से मरीज को लाभ नही मिल पा रहा है।जिससे मरीज का डॉक्टर के उपर से भी भरोसा कम दिखने लगा है । पूरे प्रकरण के खेल में मरीज का पैसा गया।लाभ नही मिला। डॉक्टर भी परेशान।लाभ दुकानदार को मिला। ऐसी परिस्थिति में मरीज तबाह होकर चिकित्सको के यहा चक्कर लगाने को मजबूर हो रहा है। सनद रहे कि विश्वस्त सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार अमेरिका में वितरित की जाने वाली लगभग 90% डॉक्टरी दवाएं जेनेरिक हैं; लेकिन बहुत से लोग भारत आते हैंऔर यहां बनी सामग्री का उपयोग करते हैं। 2019 में FDA ने कहा कि भारतीय कारखानों में निरीक्षण विफलता की दर सबसे अधिक है । दूषित उपचारों के परिणाम गंभीर हो सकते हैं।
: एक ऐसे राष्ट्र के लिए जो “दुनिया के लिए फार्मेसी” का दावा करना चाहता है, भारत में नियामक निरीक्षण की कमी है। पिछले छह महीनों में ही, इसके जेनेरिक कफ सिरप ने दर्जनों बच्चों की जान ले ली है, इसकी आंखों की बूंदों से अंधापन हो गया है और इसकी कीमोथेरेपी दवाएं दूषित हो गई हैं।