गोरखपुर में रीजनल वुशू चैंपियनशिप: नए सितारों का उदय, खेल में नया अध्याय

संवाददाता- चंद्रप्रकाश मौर्या, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश गोरखपुर ने हाल ही में रीजनल वुशू चैंपियनशिप की मेजबानी की, जिसमें देश के विभिन्न जिलों से आए उभरते खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिभा का परचम लहराया। इस चैंपियनशिप का उद्देश्य न केवल वुशू खेल को एक नई ऊंचाई पर ले जाना था, बल्कि इसके माध्यम से नयी प्रतिभाओं को मंच देना और […]

पेरिस पैरालंपिक में रजत पदक जीतने का सिलसिला जारी

परिचय भारतीय पैरा-शटलर सुहास यतिराज ने पेरिस 2024 पैरालंपिक में पुरुष एकल एसएल4 श्रेणी में रजत पदक जीतकर पैरालंपिक में अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखा। एसएल4 श्रेणी उन एथलीटों के लिए है, जिनके एक या दोनों निचले अंगों में विकलांगता है । उन्हें चलने या दौड़ने में संतुलन बनाने में थोड़ी परेशानी होती है । फ्रांस के लुकास माजुर के खिलाफ […]

थुलासीमाथी मुरुगेसन, भारत के लिए रजत पदक की झड़ी

तमिलनाडु के कांचीपुरम में 11 अप्रैल, 2002 को जन्मी थुलासीमाथी मुरुगेसन भारत की सबसे होनहार पैरा-बैडमिंटन खिलाड़ियों में से एक हैं। पेरिस 2024 पैरालंपिक में थुलासीमाथी ने महिला बैडमिंटन एसयू5 स्पर्धा में रजत पदक जीतकर अपनी सफलताओं की श्रृंखला में एक और उपलब्धि जोड़ ली है। बैडमिंटन में इस शीर्ष वरीयता प्राप्त खिलाड़ी को कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा  और अंततः 30 मिनट में 21-17, 21-10 के स्कोर के साथ चीन की […]

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने हॉकी के महान खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद की जयंती के अवसर पर “खेल उत्सव 2024” का आयोजन किया

मेजर ध्यानचंद की जयंती के उपलक्ष्य में युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय के राष्ट्रीय खेल दिवस 2024 समारोह के अनुसरण में, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने 27 अगस्त, 2024 से 30 अगस्त, 2024 तक मेजर ध्यानचंद स्टेडियम और जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, नई दिल्ली में “खेल उत्सव 2024” का आयोजन किया। अपने पहले संस्करण में मंत्रालय ने चार खेलों अर्थात क्रिकेट, हॉकी, बैडमिंटन और टेबल टेनिस में टूर्नामेंट आयोजित किए। […]

केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने पैरा-बैडमिंटन दल को सम्मानित किया, असाधारण प्रदर्शन के लिए खिलाडियों की प्रशंसा की

केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने आज नई दिल्ली में भारतीय पैरा-बैडमिंटन दल को भारत लौटने पर सम्मानित किया। भारत ने जीते गए कुल पदकों के मामले में पैरा बैडमिंटन में: पेरिस पैरालिंपिक खेल 2024 में 5 पदक (1 स्वर्ण, 2 रजत और 2 कांस्य) के साथ […]

सुहास यतिराज: पेरिस पैरालिंपिक में रजत पदक जीतने का निरंतर सिलसिला

भारतीय पैरा-शटलर सुहास यतिराज ने पेरिस 2024 पैरालिंपिक में पुरुष एकल एसएल4 श्रेणी में रजत पदक जीतकर पैरालिंपिक में अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखा। एसएल4 श्रेणी उन एथलीटों के लिए है, जिनके एक या दोनों निचले अंगों में विकलांगता है और चलने या दौड़ने में संतुलन बनाने में न्यूनतम कमी है। फ्रांस के लुकास माजुर के खिलाफ एक कड़े मुकाबले […]

शीतल देवी और राकेश कुमार: सफलता पर साधा निशाना, पैरा तीरंदाजी में ऐतिहासिक जीत

भारत के पैरा-एथलीट वैश्विक मंच पर देश को लगातार गौरवान्वित कर रहे हैं। पेरिस में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले पैरा-एथलीटों में शीतल देवी और राकेश कुमार का प्रदर्शन भी शामिल था, जिन्होंने मिश्रित टीम कंपाउंड ओपन तीरंदाजी स्पर्धा में कांस्य पदक जीता। उनकी जीत पैरा खेलों में भारत की बढ़ती विरासत में एक और अध्याय जोड़ती है! शीतल देवी का […]

राष्ट्रीय मुआ थाई बॉक्सिंग चैंपियनशिप 2024: गोरखपुर के खिलाड़ियों ने दिखाया दम, जीते कई मेडल

पंचकूला, चंडीगढ़ के ताऊ देवी लाल इंडोर स्टेडियम में आयोजित राष्ट्रीय मुआ थाई बॉक्सिंग चैंपियनशिप 2024 में गोरखपुर के युवा खिलाड़ियों ने अपनी कड़ी मेहनत और प्रतिभा से सभी को प्रभावित किया। 30 अगस्त 2024 से 1 सितंबर 2024 तक चली इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता का आयोजन WBC एमेच्योर इंडिया नेशनल फेडरेशन इंडिया द्वारा किया गया, […]

केंद्रीय मंत्री रक्षा खडसे ने महिला जूडो लीग में आत्मरक्षा पर जोर दिया

ऐसे समय में, जब महिलाओं ने देश के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मान जीतने में अग्रणी भूमिका निभाई है, केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल राज्य मंत्री श्रीमती रक्षा निखिल खडसे ने महिलाओं के लिए उचित कौशल सीखकर खुद को सुरक्षित रखने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला है। श्रीमती खडसे रविवार को पंचवटी के मीनाताई ठाकरे […]

मोना अग्रवाल ने जीता कांस्य पदक, पैरा शूटिंग में एक उभरता सितारा

मोना अग्रवाल एक ऐसा नाम है जो तेजी से पैरा शूटिंग में उत्कृष्टता का पर्याय बन गया है। उन्होंने पैरालिंपिक्स 2024 में आर2 महिला 10 मीटर एयर राइफल एसएच1 स्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर वैश्विक खेल जगत में अपना दबदबा कायम किया है। शुरुआती जीवन की चुनौतियों से पार पाने से लेकर अपने खेल में उल्लेखनीय सफलता हासिल करने तक मोना की यात्रा उनके धैर्य और दृढ़ संकल्प को दर्शाती है। प्रारंभिक जीवन और शिक्षा मोना का जन्म राजस्थान के सीकर में 8 नवंबर, 1987 हुआ था। मोना को जीवन के शुरूआत में ही एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा। वह केवल नौ महीने की उम्र में पोलियो से पीड़ित हो गईं, जिससे उनके दोनों निचले अंग प्रभावित हुए। इसके बावजूद, उन्होंने दृढ़ संकल्प के साथ अपनी शिक्षा प्राप्त की, कला विषय में डिग्री पूरी की और वर्तमान में दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम के माध्यम से मनोविज्ञान विषय में स्नातकोत्तर कर रही हैं। धैर्य और दृढ़ संकल्प की यात्रा 23 साल की उम्र में मोना ने घर छोड़कर स्वतंत्र जीवन जीने का साहसिक निर्णय लिया। रास्ते में कई शारीरिक चुनौतियों को पार करते हुए, उन्होंने मानव संसाधन और विपणन भूमिकाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। 2016 में, उन्होंने अपना ध्यान पैरा-एथलेटिक्स पर केंद्रित किया, जहां उन्होंने थ्रो स्पर्धाओं में राज्य में पदार्पण किया और तीनों श्रेणियों में स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने राज्य स्तरीय पैरा पॉवरलिफ्टिंग में भी भाग लिया और कई पदक अर्जित किये।   भारत में सिटिंग वॉलीबॉल में अग्रणी अपनी एथलेटिक उपलब्धियों के अलावा, मोना भारत में महिलाओं के लिए सिटिंग वॉलीबॉल में भी अग्रणी रही हैं। कप्तान के रूप में, उन्होंने 2019 में महिलाओं के लिए पहली राष्ट्रीय सिटिंग वॉलीबॉल चैंपियनशिप में राजस्थान टीम को स्वर्ण पदक दिलाया। हालांकि, उन्हें एक अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट के लिए चुना गया था, लेकिन वे अपनी गर्भावस्था के कारण उसमें भाग नहीं ले सकीं। राइफल शूटिंग में हाथ आजमाया दिसंबर 2021 में मोना ने व्यक्तिगत खेल में खुद को आगे बढ़ाने का फैसला किया और राइफल शूटिंग को चुना। उनकी सहज प्रतिभा शुरू से ही स्पष्ट थी, उन्होंने 2022 में राष्ट्रीय स्तर पर रजत पदक जीता। 2023 के मध्य तक, उन्होंने अपने पहले अंतरराष्ट्रीय विश्व कप में मिश्रित टीम स्पर्धा में कांस्य पदक जीता और चौथे एशियाई पैरा खेलों में छठे स्थान पर रहीं। मोना के दृढ़ संकल्प का फल उसके चौथे अंतरराष्ट्रीय आयोजन में मिला, जहां उन्होंने स्वर्ण पदक और पैरालंपिक कोटा हासिल किया और एक नया एशियाई रिकॉर्ड बनाया। इस उल्लेखनीय उपलब्धि ने वैश्विक मंच पर पैरा शूटिंग में एक शीर्ष दावेदार के रूप में उनकी स्थिति को मजबूत कर दिया है। प्रशिक्षण एवं सहायता पैरा शूटिंग में मोना अग्रवाल की सफलता में भारत सरकार ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मोना को खेलो इंडिया योजना और राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र (एनसीओई) कार्यक्रम जैसी पहल के माध्यम से अपने प्रशिक्षण और प्रतिस्पर्धा की जरूरतों के लिए आवश्यक वित्तीय सहायता प्राप्त हुई है। इन कार्यक्रमों से उन्हें विश्व स्तरीय सुविधाओं का लाभ मिला, जिसमें नई दिल्ली में डॉ. कर्णी सिंह शूटिंग रेंज में भोजन और आवास के साथ-साथ आवश्यक खेल उपकरण और सहायक उपकरण भी शामिल हैं। इससे मोना को उसके कौशल को निखारने और पैरालिंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने के उसके सपने को हासिल करने में काफी मदद मिली। निष्कर्ष मोना अग्रवाल की खेल यात्रा उनकी जीवटता, दृढ़ संकल्प और सफलता की एक प्रेरक कहानी है। फिलहाल, वह पेरिस 2024 पैरालिंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने की तैयारी कर रही हैं। ऐसे में उनकी ये उपलब्धियां भावी खिलाड़ियों के लिए आशा और प्रेरणा की किरण हैं। संदर्भ भारतीय एथलीट: पेरिस पैरालिंपिक 2024 पीडीएफ https://pib.gov.in/PressReleaseIframePage.aspx?PRID=2050108 मोना अग्रवाल ने जीता कांस्य पदक!