ब्यूरो रिपोर्ट – प्रेम कुमार शुक्ल, अमेठी
अमेठी, 10 सितंबर 2021 विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के अवसर पर संयुक्त जिला चिकित्सालय गौरीगंज में कार्यरत मनोचिकित्सक डॉ. वी वी सिंह ने बताया कि वर्तमान जीवन यापन शैली एवं उच्च महत्वाकांक्षा आत्महत्या के लिए जिम्मेदार हैं, किशोरावस्था एवं युवावस्था दो अवस्था ऐसे हैं जिसमें आत्महत्या के सबसे अधिक विचार आते हैं इसके कई कारण हैं, कम पैसों में अधिक फल की इच्छा रखना एवं ऐसा न होने पर आत्महत्या के विचार आना तथा किशोरावस्था में प्रेम प्रसंग के चक्कर में तथा युवावस्था में व्यापार में घाटा होने पर तथा कुछ किसानों में लगातार फसलों के चौपट होने और ऋण के बोझ से दबे होने के कारण भी आत्महत्या के विचार आते हैं, ऐसे अनेक कारण हैं जिसमें व्यक्ति व्यथित होकर आत्महत्या का रास्ता चुनता है, आत्महत्या की एक कारण अवसाद नामक बीमारी प्रमुखता से मानी गई है, आत्महत्या करने वाले व्यक्ति अक्सर गुमसुम एवं एकांत में रहते हैं किसी काम में उनका मन नहीं लगता उनके जीवन के चारों तरफ उदासी और निराशा के लक्षण दृष्टि गोचर होते हैं,
उन्होंने बताया कि हमारा एवं परिवार तथा समाज का यह कर्तव्य है कि ऐसे व्यक्ति को पहचाने एवं उनके उचित सलाह दें, ऐसे व्यक्ति को अकेला कदापि ना छोडे, तथा अपने नजदीकी अस्पताल के मानसिक रोग चिकित्सक से इलाज कराएं और ऐसे व्यक्ति की निरंतर काउंसलिंग करते रहें, निगरानी करते रहे उन्होंने बताया कि आज के जीवन की अंधी दौड़ में किसी के पास समय नहीं है सिर्फ धन रूपी सुख पाने के पीछे भाग रहा है, उन्होंने बताया कि धन रूपी सोच में कमी करके पारिवारिक सुख प्राप्त करें अपने पति, पत्नी ,बच्चों को समय दें उनकी भावनाओं को समझें उनके समस्याओं से अवगत होकर उनका समय पर समाधान करें,जिससे आत्महत्या अवसाद भय एवं विभिन्न मानसिक बीमारियों से बचा जा सके,