हिंदी भाषा जितनी ही सशक्त होगी राष्ट्र निर्माण हमारा सर्वोपरि अग्रणी एवं सशक्त होगा
प्रतापगढ़
महापुरूषों,स्वतंत्रता,स्वाधीनता संग्राम सेनानियों के बीच में बनी चरखा वाले बापू जी , राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की लगी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर,दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। खेद की बात यह है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी बापू जी की एकल प्रतिमा प्राचार्या जी के कार्यालय परिसर में नहीं पाई गई ।इंचार्ज प्राचार्या सरिता शुक्ला ने उपस्थित छात्राओं को हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत,उर्दू भाषाओं के ज्ञान के साथ-साथ हिंदी भाषा के उपयोगिता का विशेष महत्व पर बल दिया। और बताया कि हिंदी भाषा नें सभी भाषाओं को अपने आप में समाहित कर लेती है। और हिंदी एक मात्र ऐसी भाषा है,जिसमें सभी भाषाओं का समावेश स्वतः हो जाता है। इसलिए हम गर्व के साथ राज्य मातृ भाषा को राष्ट्रभाषा के रूप में देखना चाहते हैं। हिंदी भाषा राष्ट्र की जननी है,14 सितंबर 1949 को हिंदी भाषा को हमारे देश में सर्वोच्च दर्जा प्राप्त हुआ। तमाम भाषाओं की विविधता की एकता में संजोया गया है। जाति, धर्म, परंपरा,हिंदी मातृभाषा का विकास मतलब राष्ट्रभाषा और एक अच्छे समाज राष्ट्र का सर्वोपरि निर्माण।
हिंदी भाषा भारत की स्मिता का प्रतीक है। आधुनिक भारत के प्रबल राष्ट्र निर्माण में, हिंदी भाषा की प्रभावी अग्रणी भूमिका है।जैसे में हिंदी मातृभाषा को सशक्तिकरण के साथ राष्ट्रभाषा होना सुनिश्चित करवाए जाने की शासन-प्रशासन एवं राज्य – सरकार व केंद्र – सरकार से पुरजोर के साथ अपील किया है।