विवाह प्रतिषेध अधिनियम-2006 के अन्तर्गत बाल विवाह कुप्रथा को शासन ने किया अवैधानिक घोषित।

अमेठी उत्तर प्रदेश

 

अमेठी। जिला प्रोबेशन अधिकारी अनिल कुमार मौर्य ने अवगत कराया है कि आगामी अक्षय तृतीया के अवसर पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा बाल विवाह को रोकने की अपेक्षा की गयी है। वर्तमान समय में बाल विवाह प्रचलित होने की वजह से कुछ स्थानों पर अक्षय तृतीया के अवसर पर सामूहिक बाल विवाह सम्पन्न किये जाने की कुप्रथा है, जिसको रोका जाना अत्यन्त आवश्यक है। ऐसे बाल विवाह को शासन द्वारा अवैधानिक घोषित किया गया है, जिसे रोकने के लिये शासन द्वारा निरन्तर प्रयास किये जा रहे है। बाल विवाह जैसी कुप्रथा के विरूद्ध बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम-2006 अस्तित्व में है। इस सम्बन्ध में उन्होंने बताया कि बाल विवाह बच्चों के अधिकारों का अतिक्रमण करता है, जिससे उन पर हिंसा, शोषण तथा बच्चों के स्वास्थ्य आदि का खतरा बना रहता है तथा बाल विवाह अवैधानिक है। इस हेतु उन्होंने जनसामान्य से अपील किया है कि किसी भी दशा में बाल विवाह को मान्यता न दिया जाये, यदि आस-पास बाल विवाह सम्पन्न हो रहा हो या सम्पन्न कराने की योजना बनायी जा रही हो तो इस स्थिति में जिला प्रोबेशन कार्यालय निकट रेलवे स्टेशन गौरीगंज, अमेठी के कार्यालय में जानकारी अवश्य दें। उन्होंने बताया कि जानकारी देने वाले व्यक्ति की सूचना गोपनीय रखी जायेगी एवं आमजन से अपील है कि इस कुप्रथा को रोकने में अपेक्षाकृत सहयोग प्रदान करें।

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