आयुष मंत्रालय के तहत केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद 10 अप्रैल, 2023 को नई दिल्ली में विश्व होम्योपैथी दिवस के अवसर पर एक वैज्ञानिक सम्मेलन आयोजित कर रही है। उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ वैज्ञानिक सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। आयुष तथा पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे। आयुष और महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री डॉ. मुंजपारा महेंद्रभाई, सांसद डॉ. मनोज राजोरिया तथा आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा भी इस अवसर उपस्थित रहेंगे।
विश्व होम्योपैथी दिवस होम्योपैथी के संस्थापक डॉ. क्रिश्चियन फ्रेडरिक सैमुअल हैनीमैन की 268वीं जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस वैज्ञानिक सम्मेलन की थीम – ‘होमियो परिवार- सर्वजन स्वास्थ्य, एक स्वास्थ्य, एक परिवार’ है।
सम्मेलन के प्रतिनिधियों में होम्योपैथिक शोधकर्ता, अंतःविषय धाराओं के वैज्ञानिक, चिकित्सक, छात्र, उद्योगपति और विभिन्न होम्योपैथिक संघों के प्रतिनिधि सम्मिलित होंगे। समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान सीसीआरएच और विभिन्न होम्योपैथिक महाविद्यालयों के बीच और सीसीआरएच तथा केरल सरकार के होम्योपैथी निदेशालय के बीच भी किया जाएगा। इस अवसर पर सीसीआरएच के एक वृत्तचित्र, एक पोर्टल और 08 पुस्तकों का विमोचन भी किया जाएगा।
सम्मेलन के दौरान नीतिगत पहलुओं, होम्योपैथी में उन्नति, अनुसंधान साक्ष्यों और होम्योपैथी में नैदानिक अनुभवों पर विभिन्न सत्रों का आयोजन किया जाएगा। आयुष मंत्रालय के पूर्व सचिव अजीत एम. शरण आईएएस, आयुष मंत्रालय के संयुक्त सचिव राहुल शर्मा आईएएस, आयुष मंत्रालय की सलाहकार (होम्योपैथी) डॉ. संगीता ए दुग्गल, दिल्ली के निदेशक (आयुष) एवं सीसीआरएच के पूर्व डीजी डॉ. राज के. मनचंदा, एनसीएच के अध्यक्ष एवं सीसीआरएच के पूर्व डीजी डॉ. अनिल खुराना, सीसीआरएच के डीजी डॉ. सुभाष कौशिक, वाइस डीन, प्रोफेसर, लखनऊ के किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के उन्नत अनुसंधान केंद्र के प्रमुख डॉ. शैलेंद्र सक्सेना, कोलकाता के राष्ट्रीय होम्योपैथी संस्थान के निदेशक डॉ. सुभाष सिंह आदि कार्यक्रम के दौरान अपने व्याख्यान देंगे।
विज्ञान भवन में इस फ्लैग ऑफ कार्यक्रम के बाद भारत में पांच स्थानों पर क्षेत्रीय विश्व होम्योपैथी दिवस कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। यह वैज्ञानिक सम्मेलन विभिन्न प्रमुख हितधारकों के विचार-विमर्श के माध्यम से अनुसंधान, शिक्षा और समेकित देखभाल में होम्योपैथिक एकीकरण के भविष्य की रूपरेखा को लेकर अंतर्दृष्टि प्रदान करेगा।