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आवास एवं शहरी कार्य तथा पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप एस. पुरी ने आज नई दिल्ली में कस्तूरबा गांधी मार्ग पर ‘सामान्य पूल कार्यालय सुविधा-2’ तथा मोहम्मदपुर और त्यागराज नगर में पुनर्विकसित ‘सामान्य पूल आवासीय सुविधा’ को राष्ट्र को समर्पित किया। समारोह को संबोधित करते हुए मंत्री महोदय ने कहा कि इन कॉलोनियों का पुनर्विकास ‘शीर वॉल मोनोलिथिक कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी’ का उपयोग करके किया गया, जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 2019 में घोषित ‘ग्लोबल हाउसिंग टेक्नोलॉजी चैलेंज’ से चयनित 6 आधुनिक, टिकाऊ तथा फास्ट बिल्डिंग टेक्नोलॉजी में एक है। उन्होंने बताया कि सीपीडब्ल्यूडी ने इन तीनों परियोजनाओं में 100 प्रतिशत सौर ऊर्जा उत्पादन, ऊर्जा सक्षम फिटिंग, अपशिष्ट शोधित जल, वर्षा जल संचयन की विशेषताओं का उपयोग किया है।
इस अवसर पर दिल्ली के उप-राज्यपाल माननीय विनय कुमार सक्सेना, विदेश और संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी, आवास और शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव मनोज जोशी, सीपीडब्ल्यूडी के महानिदेशक शैलेंद्र शर्मा, सीपीडब्ल्यूडी के विशेष महानिदेशक एस.पी. चौधरी और सीपीडब्ल्यूडी के विशेष महानिदेशक रंजीत सिंह भी उपस्थित थे।
कस्तूरबा गांधी मार्ग पर जनरल पूल ऑफिस एक्मोडेशन (जीपीओए)-2 एक अत्याधुनिक कार्यालय भवन है। इसका प्लिंथ क्षेत्र 61,454 वर्गमीटर है। इसमें दो टावर हैं- जी+9 मंजिल का कार्यालय भवन (टॉवर-I) तथा जी+10 मंजिल का नेशनल डिफेंस कॉलेज के लिए ट्राजिट आवास (टॉवर-II) है। इसके सामने के प्रवेश स्थान में प्रभावशाली 20 मीटर ऊंचा संरचनात्मक गोलाकार ग्लोब है। टॉवर-I में श्रम तथा रोजगार, विद्युत और पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालयों के कार्यालय रहेंगे। वर्तमान में इन मंत्रालयों के कार्यालय श्रम शक्ति भवन और परिवहन भवन, नई दिल्ली में हैं। इसमें तीन कैबिनेट मंत्रियों, चार राज्य मंत्रियों, तीन सचिवों को उनके 1,315 अधिकारियों/कर्मचारियों के साथ समायोजित करने की क्षमता है। इमारत के टावर-2 में नेशनल डिफेंस कॉलेज के लिए 97 सुइट्स हैं। इस इमारत में 6 सम्मेलन कक्ष, एक मीडिया ब्रीफिंग कक्ष, राष्ट्रीय विद्युत निगरानी नियंत्रण कक्ष, कैफेटेरिया तथा सीएसडी कैंटीन, जिम, सामुदायिक हॉल और डबल बेसमेंट है। बेसमेंट और सतह पर लगभग 600 कारें पार्क की जा सकती हैं। केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग द्वारा 351.37 करोड़ रुपये की स्वीकृत लागत की तुलना में 325 करोड़ रुपये की लागत से पूरा किया गया है।
मोहम्मदपुर में नया पुनर्विकसित सामान्य पूल आवासीय एकोमॉडेशन में 708 क्वार्टर (380 टाइप II और 328 टाइप III) हैं। इसे 362 करोड़ रुपये की स्वीकृत लागत से 25 प्रतिशत कम में पूरा किया गया है। त्यागराज नगर में जीपीआरए में 703 क्वार्टर (371 टाइप-II, 287 टाइप-III और 45 टाइप- IV) हैं और इसे 392 करोड़ रुपये की स्वीकृत लागत की तुलना में 30 प्रतिशत कम में पूरा किया गया है। यह मूल्य इंजीनियरिंग के माध्यम से निर्माण में कम खर्च के साथ-साथ गुणवत्ता प्रदान करने की सीपीडब्ल्यूडी की परंपरा के अनुरूप है। त्यागराज नगर और मोहम्मदपुर में पुरानी जीपीआरए कॉलोनी में 584 (जी+1 से जी+3) और 328 टाइप-I क्वार्टर जीर्णावस्था में थे और उनके पुनर्विकास का मार्ग प्रशस्त करने के लिए उन्हें तोड़ा गया गया था।
केंद्रीय मंत्री हरदीप एस. पुरी ने कहा कि ग्रीन कवरेज में तीन गुना वृद्धि के साथ ग्राउंड कवरेज में काफी कमी की गई है, जिससे स्वस्थ जीवन शैली के लिए अधिक खुले हरित स्थान देने का मार्ग प्रशस्त हो सके। दोनों कालोनियां सामुदायिक केन्द्र सहित आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं। इन सुविधाओं में शॉपिंग एरिया, इनडोर प्ले एरिया, क्रेच, सिलाई केंद्र, मेडिटेशन रूम, आंगनवाड़ी, पुस्तकालय आदि शामिल हैं। केंद्रीय मंत्री हरदीप एस. पुरी ने कहा कि इन दो परिसरों की उपलब्धता से न केवल केंद्र सरकार के कर्मचारियों की आवासीय जरूरत पूरी होंगी, बल्कि सभी संबंधितों लोगों के आवागमन और सरकारी कार्यों में भी सहायता मिलेगी।
पर्यावरण अनुकूल विकास पर सीपीडब्ल्यूडी के फोकस को ध्यान में रखते हुए अधिकतम संख्या में वर्तमान पेड़ों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए सभी तीन परियोजनाओं में विशेष प्रयास किए गए और इसके लिए योजना बनाई गई थी। भवन के सीध में आने वाले न्यूनतम पेड़ों को प्रत्यारोपित किया गया था। त्यागराज नगर में वर्तमान 349 पेड़ों में से 42 पेड़ों का प्रत्यारोपण किया गया। निर्माण के लिए टिकाऊ और ऊर्जा सक्षम निर्माण प्रौद्योगिकियों को अपनाया गया। त्यागराज नगर में जीपीआरए कॉलोनी का निर्माण एल्यूमीनियम शटरिंग और सेल्फ-कॉम्पैक्टिंग कंक्रीट (एससीसी) का उपयोग वाली शीर वॉल मोनोलिथिक कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी का उपयोग करके किया गया है। यह निर्माण टेक्नोलॉजी न केवल आरसीसी कंस्ट्रक्शन तकनीक की तुलना में तेज है बल्कि लंबी आयु के साथ टिकाऊ और अधिक भूकंप प्रतिरोधी है। सभी परियोजनाओं की कल्पना और निर्माण स्थिरता और पर्यावरण अनुकूल सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए किया गया था और तीन सितारा जीआरआईएचए रेटिंग के अनुपालन में किया गया था। 60 केडब्ल्यूपी, 35 केडब्ल्यूपी और 150 केडब्ल्यूपी के ऑन-ग्रिड सोलर फोटो वोल्टाइक (एसपीवी) संयंत्र; त्यागराज नगर, मोहम्मदपुर और जीपीओए-2 में क्रमशः 340 केएलडी, 500 केएलडी तथा 200 केएलडी क्षमता के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) दिए गए है।
वर्षा जल संचयन और भूजल भंडारण हौद भी प्रदान की गई हैं। एसटीपी का शोधित जल का उपयोग बागवानी उद्देश्यों के साथ-साथ टॉयलेट शेविंग ड्यूल प्लंबिंग सिस्टम के फ्लश करने के लिए किया जाना है। निर्माण और गिरावट मलबे के उपयोग की बढ़ती हुई समस्या को हल करने के लिए त्यागराज नगर और मोहम्मदपुर में नई परियोजनाओं में क्रमश: लगभग 621 मीट्रिक टन और 246 मीट्रिक टन सी एंड डी अपशिष्ट सामग्री का उपयोग किया गया है, जो कर्ब स्टोन, सीमेंट कंक्रीट टाइल, रेत और समूच्य के आकार में है। त्यागराज नगर में आवासीय ब्लॉकों के स्टिल्ट वाले भाग में 207 गाडि़यों की पार्किंग तथा और ओपन सरफेस पार्किंग एरिया में 673 कारों की पार्किंग का प्रावधान किया गया है। मोहम्मदपुर में 778 कार पार्किंग में से 462 ओपन कार पार्किंग तथा 316 ऑटोमैटिक मल्टी लेवल कार पार्किंग हैं।
आवास और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा सीपीडब्ल्यूडी को सौंपे गए कस्तूरबा गांधी मार्ग में सामान्य पूल कार्यालय एकोमॉडेशन-2 भवन तथा मोहम्मदपुर और त्यागराज नगर, नई दिल्ली में पुनर्विकसित सामान्य पूल आवासीय एकोमॉडेशन को पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस और आवास और शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी के गतिशील मार्ग-दर्शन और नेतृत्व में सीपीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों और आर्किटेक्ट्स की समर्पित परियोजना टीम द्वारा उच्चतम गुणवत्ता मानकों के साथ समय सीमा में तैयार किया गया है। यह मूल्य इंजीनियरिंग के माध्यम से निर्माण में बचत के साथ-साथ गुणवत्ता प्रदान करने की सीपीडब्ल्यूडी की परंपरा के अनुरूप है। सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस ये जीपीआरए कॉलोनियां केंद्र सरकार के सरकारी कर्मचारियों को आरामदायक आवास प्रदान करने की आवश्यकता को पूरा करेंगी। जीपीओए-2 वास्तुकला और इंजीनियरिंग के शानदार मिश्रण को दिखाने वाले एक ऐतिहासिक कार्यालय भवन के रूप में काम करेगा।