महापौर सदर, सांसद, पार्षद गण, अधिकारीगण, एनजीओ, श्रमजीवी संगठन लिए संकल्प की गोरखपुर को बनाएंगे नशा मुक्त
गोरखपुर। नव युवकों में दिन प्रतिदिन नशे की आदत बढ़ती जा रही इस आदत को जड़ से समाप्त करने के लिए एडीजी जोन अखिल कुमार ने जो बीड़ा उठाया सुदर्शन चक्र अभियान चलाकर उस अभियान में सांसद महापौर एनजीओ श्रमजीवी संगठनों अधिकारियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया जिससे गोरखपुर जनपद को पूर्ण रूप से नशा मुक्त बनाया जा सके आज बुधवार को एनेक्सी सभागार में एडीजी जोन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने वालों में शहर के पहले नागरिक महापौर डॉक्टर मंगलेश श्रीवास्तव सदर सांसद रवि किशन सहित आजाद जैसे तमाम एनजीओ संचालक गोरखपुर जनपद को नशा मुक्त बनाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं जिसमें अधिकारीगण भी बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे आज एडीजी जोन अखिल कुमार के निर्देश पर पुलिस अधीक्षक नगर कृष्ण विश्नोई द्वारा श्रमजीवी संगठनों एनजीओ और सम्मानित अतिथियों को एनेक्सी सभागार में आमंत्रित कर बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने का निवेदन किया था जिसमें श्रमजीवी संगठनों एनजीओ अधिकारी गणों ने एडीजी जोन के सुदर्शन चक्र में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया उनमें प्रमुख रूप से महापौर डॉ मंगलेश श्रीवास्तव सदर सांसद रवि किशन आईजी रेंज जे रविंदर गौड वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ गौरव ग्रोवर कार्यक्रम का संचालन कर रहे पुलिस अधीक्षक दक्षिणी अरुण कुमार सिंह पुलिस अधीक्षक उत्तरी अरुण कुमार सिंह अंडर ट्रेनिग आईपीएस आदित्य कुमार बीआरडी मेडिकल कॉलेज प्रधानाचार्य डॉ गणेश जिला चिकित्सालय गोरखपुर सीएमओ डॉक्टर आशुतोष सहित समस्त क्षेत्राधिकारी थाना प्रभारी श्रमजीवी संगठनों के सदस्य पार्षद गण नशा के दल दल में फंसे नव युवकों और जवानों को निकालने के लिए संकल्प लिए जिससे गोरखपुर जनपद के हर नशा के आदि को नशे के दलदल से बाहर निकालने के लिए कृत संकल्पित हुए।एडीजी ने कहा कि नशा मुक्त का उद्देश्य न केवल जन-साधारण को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागृत करना है बल्कि इसके खिलाफ जन आंदोलन का रूप देना है। ताकि नशे के खिलाफ हर आदमी जुड़ कर अपना योगदान दे सकें। कहा कि दुनिया में कोई भी कार्य असंभव नहीं है। नशा भी छोड़ा जा सकता है। इसके लिए दृढ़ संकल्प लेना जरुरी है। व्यक्ति मनोरंजन के तौर पर नशे की शुरुआत करता है, लेकिन बाद में यह आदत में शुमार हो जाता है सुदर्शन अभियान को सफल बनाने के लिए सभी अधिकारी गणों पार्षदों श्रमजीवी संगठनों एनजीओ को आगे बढ़कर आम योगदान देना होगा तभी गोरखपुर जनपद नशा मुक्ति हो सकेगा।