साई20 समूह शासन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए तैयार: गोवा के राज्यपाल पी.एस. श्रीधरन पिल्लई

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गोवा में आयोजित सर्वोच्चह लेखा परीक्षा संस्थाान-20 (साई20) शिखर सम्मेलन में ब्लू इकोनॉमी और जिम्मेदार कृत्रिम बुद्धिमता (एआई) के बारे में प्राथमिकताएं तय की गईं और साई देशों के बीच सहयोग और ज्ञान साझा करने को प्रोत्साहित किया गया

नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) श्री जी.सी. मुर्मू ने सुशासन और जवाबदेही के लिए जिम्मेकदार कृत्रिम बुद्धिमता की लेखा परीक्षा में सर्वोच्च2 लेखा परीक्षा संस्था नों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया

जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने शासन और जवाबदेही को मजबूत करने के लिए साई20 की स्थापना की सराहना की

भारत की जी20 अध्यक्षता के तहत सर्वोच्‍च लेखा परीक्षा संस्‍थान-20 (साई20) शिखर सम्मेलन आज गोवा में शुरू हुआ। भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) श्री गिरीश चंद्र मुर्मू ने सर्वोच्‍च लेखा परीक्षा संस्‍थान-20 (साई20) एंगेजमेंट ग्रुप के अध्यक्ष के रूप में, विचार-विमर्श का नेतृत्व किया।

अपने उद्घाटन भाषण में सीएजी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि सुशासन, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने और मानव जाति पर इनका सकारात्मक प्रभाव अधिकतम सुनिश्चित करने के लिए ब्लू इकोनॉमी और जवाबदेह एआई की लेखा परीक्षा में सर्वोच्‍च लेखा परीक्षा संस्‍थानों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्‍होंने यह भी कहा कि ब्लू इकोनॉमी और जवाबदेह एआई की लेखा परीक्षा बहुत चुनौतीपूर्ण है। उनकी सर्वव्यापी क्रॉस-कटिंग प्रकृति के साथ-साथ उभरती हुई प्रौद्योगिकी और उपयोग का मिश्रण, आवश्‍यक नजदीकी सहयोग साई देशों में ज्ञान साझा करने और क्षमता निर्माण के लिए महत्‍वपूर्ण है।

 

स्थिरता, विकास और उभरती हुई प्रौद्योगिकियों की भूमिका के महत्व को मान्‍यता देते हुए उन्‍होंने बताया कि साई20 की प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में “ब्लू इकोनॉमी” और “जवाबदेह कृत्रिम बुद्धिमता” नए युग के अवसरों और चिंताओं का प्रतिनिधित्व करते हैं और ये वास्तविक सहयोग की आवश्यकता पर भी जोर देते हैं। उन्‍होंने कहा कि कि वैश्विक अनुभवों और पहलों को समझने के प्रयास के साथ-साथ यह जानना भी जरूरी है कि बाहरी हितधारक इन क्षेत्रों में लेखा परीक्षा की उभरती हुई भूमिका को किस प्रकार देखते हैं। उन्होंने सरकार और निजी क्षेत्र के कई क्षेत्रीय विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श किया और बताया कि पिछले कुछ महीनों के दौरान इन विषयों पर सेमिनार आयोजित किए हैं।

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ब्लू इकोनॉमी की प्राथमिकता वाले क्षेत्र की जटिलता के बारे में समझाते हुए सीएजी ने कहा कि जैसे-जैसे ब्लू इकोनॉमी को प्रधानता मिलती जाएगी, वैसे ही इसकी लेखा परीक्षा होगी। सीएजी ने यह आग्रह किया कि इस गंभीरता का सामना करते हुए साई20 समुदाय को नई प्रौद्योगिकियों, कौशल, क्षमताओं और तरीकों तक पहुँचने में सहयोग को प्राथमिकता देनी चाहिए और साई को सक्रिय रूप से चैनलों और मंचों को औपचारिक रूप देना चाहिए जिससे इस प्रकार के सहयोगों में सहायता मिलेगी।

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कृत्रिम बुद्धिमता की संभावना और खतरों के बारे में चर्चा करते हुए सीएजी ने इस बात पर जोर दिया कि यह बहुत आवश्यक है कि नीति निर्माता इस प्रौद्योगिकी की क्षमता का जिम्मेदारी से लाभ उठाने के लिए अपेक्षित प्रक्रियाओं को लागू करें। सीएजी ने इस बात पर जोर दिया कि एआई शासन में महत्‍वपूर्ण स्‍थान हासिल कर रही है, इसलिए साई देशों को एआई आधारित शासन प्रणालियों की लेखा परीक्षा के लिए अपने आप को अनिवार्य रूप से तैयार करना चाहिए और साई देशों को अपनी प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए अपनी लेखा परीक्षा प्रौद्योगियों में एआई को अपनाने के अवसर तलाशने चाहिए।

सीएजी ने साई इंडिया के इंटरनेशनल सेंटर फॉर इन्‍वायरमेंट ऑडिट एंड सस्‍टेनेबल डवलपमेंट (आईसीईडी) में ब्लू इकोनॉमी में उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने की घोषणा करते हुए कहा कि यह केन्‍द्र इंटोसाई के लिए एक मान्‍यता प्राप्‍त वैश्विक प्रशिक्षण सेवा होगी। उन्‍होंने कहा कि ब्लू इकोनॉमी से संबंधित मुद्दों की लेखा परीक्षा के बारे में 32 प्रतिभागियों द्वारा प्रतिनिधित्‍व किए गए 7 साई देशों द्वारा अनुभव साझा करने के बारे में आयोजित एक अंतर्राष्‍ट्रीय वेबिनार के साथ अप्रैल 2023 में निर्णय लिया गया था। सीएजी ने आगे इस बात पर भी जोर दिया कि यह विज़न उत्कृष्टता केंद्र बनाने के बारे में था, जो न केवल अनुसंधान को बढ़ावा देता है बल्कि इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में साई देशों के बीच ज्ञान को साझा करने और क्षमता निर्माण के लिए एक महत्‍वपूर्ण उत्प्रेरक के रूप में भी कार्य करता है।

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सीएजी श्री मुर्मू ने यह भी कहा कि ब्लू इकोनॉमी और जवाबदेह कृत्रिम बुद्धिमता दो सार-संग्रह विभिन्न सर्वोच्‍च लेखा परीक्षा संस्थानों और ब्लू इकोनॉमी और कृत्रिम बुद्धिमता पर आयोजित सत्रों के पैनलिस्टों के भारी समर्थन और योगदान के परिणामस्वरूप भी सामने लाए जा सके हैं।

जी20 शेरपा श्री अमिताभ कांत ने अपने संबोधन में कहा कि एसएआई20 की स्थापना एक बहुत ही सकारात्मक कदम है क्योंकि इसने साई और सरकार के बीच एक नेटवर्क का निर्माण किया है ताकि सरकार को समन्‍वय करने तथा रणनीतियां बनाने और शासन में भागीदारों के रूप में कार्य करने के लिए साई देशों को अवसर प्रदान करने तथा अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही का निर्माण करने में मदद की हैं।

गोवा के राज्य राज्यपाल श्री पी.एस. श्रीधरन पिल्लई ने अपने उद्घाटन संबोधन में इस बात पर जोर दिया कि जी20 के तत्वावधान में साई20 समूह से शासन को मजबूत बनाने और नागरिकों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालने में केंद्रीय भूमिका निभाने की आशा है। साई की भूमिका पर जोर देते हुए उन्‍होंने कहा कि अपने संबंधित देशों में साई जवाबदेही, प्रभावशीलता और शासन में अखंडता सुनिश्चित करने वाला प्रमुख स्तंभ हैं।

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साई20 सदस्य देशों, अतिथि साई के प्रतिनिधिमंडल के प्रमुखों, आमंत्रित साई, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और कार्य समूहों ने साई20 शिखर सम्मेलन, ब्लू इकोनॉमी और जवाबदेह कृत्रिम बुद्धिमता के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के बारे में अपने सामान्‍य वक्‍तव्‍य में अपने विचार साझा किए। प्रतिनिधिमंडलों ने अपने सामान्य वक्तव्य में प्राथमिकता क्षेत्रों की मजबूत प्रासंगिकता पर सहमति व्यक्त की और साई20 इंग्‍जेमेंट समूह फोरम को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाने में साई इंडिया के प्रयासों की सराहना करते हुए प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की मजबूत प्रासंगिता पर सहमित व्‍यक्‍त की। इसके अलावा उन्‍होंने इसमें साई सदस्‍य देश को संकलनों के माध्‍यम से दो प्राथिमकता क्षेत्रों के बारे में अपना ज्ञान और अनुभवों को साझा करने का भी अवसर प्रदान करने की सराहना की है। प्रतिनिधियों ने साई इंडिया की अध्यक्षता के दौरान आयोजित अब तक की में साई20 बैठकों में किए विचार-विमर्श की उत्पादकता की भी सराहना की।

बैठक के दौरान प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रतिष्ठित हस्तियों द्वारा जवाबदेह कृत्रिम बुद्धिमता के बारे में परिज्ञान उपलब्‍ध कराया गया, जिन्होंने जवाबदेह कृत्रिम बुद्धिमता जैसी उभरती हुई प्रौद्योगिकियों के विभिन्न पहलुओं पर अपने बहुमूल्य ज्ञान और अनुभव साझा किया।

साई20 शिखर सम्मेलन में जी20 सदस्य देशों के लगभग 85 राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधियों की भागीदारी देखी गई। इन देशों के नाम इस प्रकार है- ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कोरिया, इंडोनेशिया, भारत, रूस, सऊदी अरब और तुर्किए, अतिथि साई देशों जैसे बांग्लादेश, मिस्र, मॉरीशस, नाइजीरिया, ओमान, स्पेन और संयुक्त अरब अमीरात; आमंत्रित साई देश अर्थात मोरक्को और पोलैंड; अंतर्राष्ट्रीय संगठन अर्थात। यूएसएआईडी और विश्व बैंक; तथा इंगेजमेंट समूह अर्थात थिंक20 और यूथ20 ।

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