गंभीरपुर रामलीला: ‘कारण कवन नाथ मोहि मारा, मैं बैरी, सुग्रीव प्यारा

उत्तर प्रदेश गोरखपुर

तहसील संवाददाता- नरसिंह यादव,बांसगांव, गोरखपुर

– बाली वध पर पंडाल में गूंजा ‘ मंगल भवन अमंगल हारी, द्रवहु सुदसरथ अचर बिहारी

श्रीश्री आदर्श रामलीला समिति गंभीरपुर के तत्वाधान में रामलीला के सातवें दिन भरत मिलाप और आठवें दिन सीता हरण और बाली वध का मार्मिक मंचन किया गया।

श्रीराम का अपने अनन्य भक्त शबरी के आश्रम में पहुंचना, वानरराज बालि वध, राम सुग्रीव मित्रता व तारा विलाप आदि प्रसंगों का जीवंत मंचन किया गया। इसे देख दर्शकों को रोमांचित हो उठे। प्रभु श्रीराम ने शबरी के आश्रम पहुंचकर ऊंच-नीच की भावना को दरकिनार कर भिलनी शबरी के जूठे बेर का रसास्वादन किया और उसके भक्तिभाव को सर्वोच्च स्थान प्रदान किया। पवनसुत हनुमान के माध्यम से सुग्रीव से मिलकर प्रभु श्रीराम ने उसे सच्ची मित्रता निभाई। अनीति एवं अत्याचार का पर्याय बालि का वध किया।

घायल बालि ने प्रभु श्रीराम से धर्म की ओट में नीति एवं न्याय की छद्म दुहाई का आरोप लगाते हुए शिकायत किया। कहा कि ‘कारण कवन, नाथ मोही मारा-मैं बैरी, सुग्रीव प्यारा.’। प्रभु ने जवाब में कहा कि ‘अनुज बधू भगिनी सुत नारी, सुनु सठ कन्या सम ए चारी….इन्हहि कुदृष्टि बिलोकइ जोई, ताहि बधें कछु पाप न होई।’ छोटे भाई की पत्नी, बहन,पुत्र की पत्नी और अपनी पुत्री इन चारों में कोई अंतर नहीं है। किसी भी पुरूष के लिए ये एक समान होनी चाहिए। इन पर अपनी कुदृष्टि रखने वाला या इनका अपमान करने वाले का वध करने से पाप का भागी नहीं बना जा सकता।

हनुमान की अवनीश सिंह, राम की धवन सिंह, लक्ष्मण की अर्चित सिंह, बाली की धीरज सिंह एवं सुग्रीव की रजत सिंह ने भूमिका निभाई। मुख्य अतिथि के रूप में हाटा बुजुर्ग के ग्राम प्रधान प्रतिनिधि अंकित चंद कौशिक, भाजपा नेता राजेश सिंह राजन, हरिनारायण सिंह, शनि चंद, गौरव सिंह कौशिक, अमरेंद्र पाल और मनीष दुबे आदि मौजूद रहे।

 

चित्र परिचय- बाली वध के बाद राम बाली संवाद/

बाली सुग्रीव युद्ध/

राम और लक्ष्मण को अपने कंधे पर बिठाकर सुग्रीव से मिलवाने ले जा रहे हनुमान