– नाभि में श्रीराम का बाण लगते ही धू-धूकर जल उठा दशानन
तहसील संवाददाता- नरसिंह यादव, बांसगांव, गोरखपुर
श्री श्री आदर्श रामलीला समिति गंभीरपुर की ओर से शुक्रवार को गंभीरपुर रामलीला मैदान में मेले का आयोजन किया गया। अधर्म पर धर्म की विजय का पर्व दशहरा धूमधाम से मनाया गया। रामलीला मैदान में रावण वध के बाद पुतला दहन किया गया।अन्याय और अत्याचार के प्रतीक रावण का अंत भगवान राम ने किया, तो जय श्री राम के जयकारों से मैदान गूंज उठा। मेले में हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे।
मेले में राम-रावण युद्ध का मंचन हुआ। कुंभकरण और मेघनाद वध के बाद रावण युद्ध के लिए आता है। राम और रावण के बीच भीषण युद्ध होता है। राम के बाण से रावण की सिर और भुजाएं कट जाती हैं लेकिन तुरंत ही दूसरे निकल आते हैं। तब विभीषण राम को रावण वध का उपाय बताते हैं। विभीषण कहते हैं कि रावण की नाभि में अमृत है। इसके बाद श्रीराम ने रावण की नाभि व दसों सिर पर प्रहार करते हुए एक साथ 31 शक्ति वाण चलाया, जिससे दशासन का अंत हो गया। रावण गर्जना करता हुआ भूमि पर गिर जाता है। रावण के मरते ही उसकी सेना छिन्न-भिन्न हो जाती है। जैसे ही रावण जमीन पर गिरा तो पूरा मैदान जय श्रीराम के जयघोष से गूंज उठा। असत्य पर सत्य की विजय हुई। अनाचार पर सदाचार की, बुराई पर अच्छाई की जीत हुई। राम के किरदार में धवन सिंह, रावण के किरदार में इस दौरान और समिति के अध्यक्ष मान सिंह, कोषाध्यक्ष राहुल सिंह, संयोजक राम प्रताप सिंह, संरक्षक मोहन सिंह श्रीनेत, मंच संचालक विकास सिंह, डॉ महंत सिंह, आचार्य जय प्रकाश सिंह आदि मौजूद रहे।