- टीसीओई (दूरसंचार विभाग – एसआरआई इकाई) ने बीपीआरएंडडी (गृह मंत्रालय) के सहयोग से 5जी यूज़ केस डेमो सुविधा का नेतृत्व किया
- स्टार्ट-अप और संस्थानों ने कानून प्रवर्तन एजेंसियों पर ध्यान केंद्रित करते हुए दूरसंचार विभाग द्वारा वित्त पोषित 5जी टेस्ट बेड साइट, आईआईटी मद्रास में 5जी यूज केस पीओसी का प्रदर्शन किया
- राष्ट्रीय 5जी हैकथॉन, विमर्श 2023, आईआईटी मद्रास में 5जी परीक्षण प्रदर्शन के साथ अंतिम चरण में प्रवेश कर गया
दूरसंचार विभाग की एसआरआई इकाई के दूरसंचार उत्कृष्टता केंद्र (टीसीओई) भारत ने पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो (बीपीआरएंडडी), गृह मंत्रालय (एमएचए) के सहयोग से 5जी हैकथॉन विमर्श 2023 का आयोजन किया। इस हैकथॉन का उद्देश्य महत्वपूर्ण मुद्दों का समाधान करना और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए नवीन समाधान तलाशना और उनके सामने आने वाली चुनौतियों से निपटने का तरीका बताना और इस क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देना है।
21 और 22 फरवरी 2024 को आयोजित स्क्रीनिंग के तीसरे और अंतिम चरण में 23 स्टार्टअप और संस्थानों में से 22 ने डीओटी-वित्त पोषित आईआईटी मद्रास 5जी टेस्टबेड में यूज केस प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट (पीओसी) प्रस्तुत किया। यह प्रदर्शन सम्मानित जूरी सदस्यों की उपस्थिति में, भौतिक और आभासी दोनों तरह से हुए। इसके लिए प्रतिष्ठित जूरी सदस्यों को राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय, गोवा; केंद्रीय जासूस प्रशिक्षण संस्थान, जयपुर; आईआईटी पटना; भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (14सी); आईआईटी जोधपुर; आईआईटी दिल्ली; सुरक्षा आश्वासन, आईआईटीएम, मानक-अनुसंधान एवं विकास-नवाचार, टीएसडीएसआई में सदस्यता विकास और स्टार्ट-अप रणनीति, राष्ट्रीय साइबर अपराध अनुसंधान एवं नवाचार केन्द्र (एनसीआर एंड आईसी), भारतीय साइबर सुरक्षा संघ, बीपीआर एंड डी और डीओटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से शामिल किया गया था।
जूरी ने स्वचालित ड्रोन के भौतिक प्रदर्शन, एआर/वीआर से संबंधित यूज केस, निगरानी एवं जांच, साक्ष्य संग्रह, आपातकालीन प्रतिक्रिया, इंटेलिजेंट ट्रैफिक प्रबंधन प्रणाली, 5जी मेटाडेटा विश्लेषण, जियो फेंसिंग, एआई आधारित एफआईआर फाइलिंग आदि से संबंधित मामलों का मूल्यांकन किया। इस बारे में अधिक विवरण विमर्श 5जी हैकथॉन 2023 (tcoe.in) पर उपलब्ध हैं। प्रदर्शनी के दौरान जो प्रभावशाली समाधान सामने आए उनमें ड्रोन आधारित निगरानी सुरक्षा, एआई के जरिए एफआईआर फाइलिंग, अपराध स्थल की जांच के लिए जियोफेंसिंग समाधान, अपराध स्थल के रिक्रिएशन के माध्यम से एआर आधारित प्रशिक्षण और पूर्वानुमानित व्यवस्था के लिए एआई आधारित डेटा एनालिटिक्स और डेटा प्रोसेसिंग ऐप आदि शामिल हैं।