संवाददाता- देवेंद्र मौर्या,गोरखपुर, उत्तर प्रदेश
गोरखपुर। खनन माफिया प्रशासन की आंख में धूल झोंककर राप्ती नदी में अवैध रूप से खनन कर रहे थे। जागरण में प्रकाशित खबर का संज्ञान लेकर मंगलवार को राजस्व और पुलिसकर्मियों के साथ जिला खान अधिकारी अमित सिंह के पहुंचने पर भगदड़ मच गई। डंपर चालक गाड़ी छोड़कर भाग गए।
राजस्व टीम की जांच में पता चला कि विभाग से खनन का पट्टा डोमनडाढ़ गांव का था। टीम ने मौके पर मिलीं चार पोकलेन को सीज कर थाने भेज दिया। दोनों डंपर का चालान कर दिया गया। विभाग ठीकेदार को दिए खनन के पट्टे को निरस्त करते हुए जांच के लिए उच्चाधिकारियों को पत्र लिखेगा।
अभियान के तहत 26 फरवरी के अंक में राप्ती नदी को पाटकर मोड़ दी धारा, बीच में खनन कर रहे माफिया शीर्षक से खबर प्रकाशित की। इसके बाद सोमवार को एक टीम जांच के लिए निकली। यह टीम बंधे पर ही चार डंपर सीज कर वापस चली गई।
टीम की कार्रवाई पर सवाल उठाया तो खान अधिकारी खुद राजस्व और पुलिसकर्मियों के साथ खनन स्थल पर पहुंचे। मौके पर दो डंपर मिले। वहीं नदी के बीच में खनन के लिए खड़ी चार पोकलेन बरामद की गईं।
दो अधिकारियों ने कहीं दो बातें
सोमवार को जांच करने निकले खान इंस्पेक्टर आरबी सिंह ने चार डंपर सीज करने के बाद बताया था कि खनन चनऊ में निजी भूमि पर हो रहा है। जबकि मंगलवार को राजस्व टीम के साथ पहुंचे जिला खान अधिकारी ने बताया कि खनन राप्ती के किनारे अवैध रूप से हो रहा है।
जिला खान अधिकारी अमित सिंह ने कहा कि ऊंचगांव में खनन स्थल पर चार पोकलेन मिलीं। उन्हें सीज कर बेलीपार थाने भेज दिया गया है। दो डंपर भी मौके पर मिले हैं। खनन गलत जगह हो रहा था। डोमनडाढ़ में खनन का पट्टा था। रिपोर्ट तैयार की जारही है। उच्चाधिकारियों के पास भेजकर खनन के पट्टे को निरस्त कराया जाएगा।
खनन माफिया ने राजस्व को लगाया लाखों का चूना राप्ती नदी में अवैध खनन करके माफिया ने लाखों रुपये के राजस्व का चूना लगाया है। जांच टीम के अनुसार मौके पर राप्ती नदी में 10 से 15 फीट नीचे तक मिट्टी या बालू निकाला गया है।