केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री, अन्नपूर्णा देवी ने ‘कुपोषण मुक्त झारखंड’ कार्यक्रम में पोषण संबंधी उत्कृष्टता की वकालत की

दिल्ली राष्ट्रीय समाचार स्‍वास्‍थ्‍य और कल्‍याण

महिला और बाल विकास मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी ने कोडरमा में जिला प्रशासन द्वारा आयोजित “कुपोषण मुक्त झारखंड” कार्यक्रम की अध्यक्षता की, जिसमें बाल कल्याण को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए गए। इस कार्यक्रम में पोषण शपथ, “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” पर चर्चा, पीएमएमवीवाई लाभार्थियों के लिए सुविधाएं और 10वीं और 12वीं कक्षा के उत्कृष्ट छात्रों के लिए पुरस्कार वितरण किए गए। इसके अलावा, गोद भराई और अन्नप्राशन कार्यक्रम भी आयोजित किए गए

पोषण अभियान, जिसे प्रधानमंत्री ने 8 मार्च 2018 को लॉन्च किया, भारत सरकार की प्रमुख योजना है, जिसका उद्देश्य बच्चों, किशोरियों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए पोषण संबंधी परिणामों में सुधार करना है। यह कुपोषण से निपटने के लिए पोषण वितरण में एक रणनीतिक बदलाव लाने की कोशिश करता है, स्वास्थ्य, कल्याण और इम्यूनिटी को बढ़ावा देने के लिए एक सम्मिलित पारिस्थितिकी तंत्र को प्रोत्साहित करता है।

अपने संबोधन के दौरान श्रीमती अन्नपूर्णा देवी ने सामुदायिक कल्याण, स्वस्थ आहार और जीवन शैली के महत्व पर जोर देते हुए 7वें पोषण माह 2024 के हिस्से के रूप में देश भर में पोषण संबंधी लक्ष्यों को प्राप्त करने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा, “महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भावी पीढ़ियों के समग्र स्वास्थ्य और पोषण को सुनिश्चित करने के लिए समर्पित है। पोषण माह और मिशन सक्षम आंगनवाड़ी सहित हमारी पहल कुपोषण के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण हैं। मैं झारखंड के लोगों की सक्रिय भागीदारी से प्रोत्साहित हूं और हम मिलकर यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी बच्चा या महिला कुपोषण से पीड़ित न हो।‘’

बलरोटांड के आंगनवाड़ी केंद्र में, मंत्री ने “पोषण भी पढाई भी” पहल पर प्रकाश डाला, जो न केवल आवश्यक पोषण बल्कि उच्च गुणवत्ता वाली प्रारंभिक शिक्षा प्रदान करके बच्चों के समग्र विकास पर जोर देता है। कुल 15,364 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को राज्य स्तरीय मास्टर प्रशिक्षकों के रूप में प्रशिक्षित किया गया है, और 10,756 कार्यकर्ताओं ने बुनियादी साक्षरता और प्रारंभिक बाल देखभाल में प्रशिक्षण प्राप्त किया है, जिससे राज्य भर में 344,192 बच्चे प्रभावित हुए हैं।

मंत्री ने पोषण माह 2024 की प्रमुख उपलब्धियों की सराहना की, जिसमें छह मुख्य विषयों पर ध्यान केंद्रित किया गया है: एनीमिया, विकास निगरानी, पूरक आहार, पोषण भी पढ़ाई भी, तकनीकी से बेहतर शासन, और एक पेड़ माँ के नाम। झारखंड ने सभी 24 जिलों में 12.53 लाख से अधिक जागरूकता गतिविधियों का आयोजन किया है, जो समुदाय की पोषण मानकों में सुधार के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

इसके अलावा, श्रीमती अन्नपूर्णा देवी ने पोषण माह 2024 के पर्यावरणीय पहलुओं पर जोर दिया, जो पूरे देश में 13.95 लाख आंगनवाड़ी केंद्रों में वृक्षारोपण को बढ़ावा देता है। “एक पेड़ मां के नाम” अभियान के तहत 50 लाख से अधिक पौधे लगाए गए हैं।

मंत्री ने पोषण माह 2024 को समर्थन देने में विभिन्न मंत्रालयों के सहयोगात्मक प्रयासों की सराहना की, जिनमें शामिल हैं: शिक्षा मंत्रालय, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, पंचायती राज मंत्रालय, आयुष मंत्रालय.

उन्होंने इन पहलों को आगे बढ़ाने में पीआईबी (प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो) और माईगोव के योगदान की भी सराहना की।

अपनी यात्रा के समापन पर, श्रीमती अन्नपूर्णा देवी ने पोषण जागरूकता बढ़ाने में विभिन्न मंत्रालयों और सरकारी निकायों के समन्वित प्रयासों की सराहना की और झारखंड के आंगनवाड़ी केंद्रों के उन्नयन के लिए निरंतर समर्थन का आश्वासन दिया। मंत्री ने दोहराया कि कुपोषण मुक्त भारत का मार्ग एक साझा जिम्मेदारी है। सभी हितधारकों की सक्रिय भागीदारी के साथ, हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने और देश के हर बच्चे और मां के लिए एक स्वस्थ भविष्य सुनिश्चित करने के प्रति आश्वस्त हैं।

मंत्रालय कुपोषण मुक्त भारत हासिल करने के लिए सामूहिक प्रयासों और सतत प्रथाओं के प्रति प्रतिबद्ध है। पोषण माह 2024 प्रधानमंत्री द्वारा परिकल्पित विकसित भारत की दृष्टि का प्रतीक है।