अहरौला में दुस्साहसी पशु तस्करों का आतंक: पुलिस पर पिकअप चढ़ाकर जान लेने की कोशिश

आजमगढ़ उत्तर प्रदेश

आज़मगढ़, अहरौला— कानून को ठेंगा दिखाते हुए अहरौला थाना क्षेत्र में पशु तस्करों ने जो दुस्साहस किया है, उसने पूरे क्षेत्र को स्तब्ध कर दिया है। पशु तस्करों ने पुलिस की पीआरबी (पुलिस रिस्पांस व्हीकल) पर जानबूझकर पिकअप गाड़ी चढ़ाने का प्रयास किया, जिससे चार पुलिसकर्मी घायल हो गए। इनमें से एक की हालत गंभीर बताई जा रही है, जिसे इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है। इस दिल दहलाने वाली घटना ने एक बार फिर पशु तस्करी के खतरनाक गिरोहों की बेखौफ गतिविधियों को उजागर किया है।

घटना गुरुवार रात की है जब अहरौला थाना क्षेत्र के माहुल में मेला लगा हुआ था। मेले में सुरक्षा के लिए तैनात दो पुलिसकर्मी परीक्षित दुबे और सौरव राय अपनी ड्यूटी पूरी कर लौट रहे थे। इसी दौरान, अंबारी की ओर से तेज गति में आ रही एक पिकअप गाड़ी ने रेड़हा मंदिर के पास उनकी बाइक को टक्कर मार दी। तस्करों ने उन्हें कुचलकर जान से मारने का प्रयास किया। इस हादसे में दोनों पुलिसकर्मी बुरी तरह घायल हो गए। इससे पहले कि स्थिति संभल पाती, तस्करों ने आगे जाकर डायल 112 की एक और टीम पर हमला किया, जिसमें फायरिंग भी की गई। इस दुस्साहसिक हमले में एक होमगार्ड समेत दो और पुलिसकर्मी घायल हो गए।

इस दुस्साहसी घटना के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मौके से तस्करों की पिकअप गाड़ी को कब्जे में ले लिया। तस्करों की गाड़ी खेत में फंस गई थी, जहां से पुलिस ने इस अपराधी गिरोह के दो सदस्यों, इरशाद और नफीस, को गिरफ्तार कर लिया। साथ ही, 8 अज्ञात लोगों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस ने इन अपराधियों की जल्द गिरफ्तारी के लिए कई टीमों का गठन कर दिया है।  गिरफ्तारी के बाद यह बात सामने आई कि गाड़ी में बैठे पांच से अधिक तस्कर पुलिस पर हमला करने की पूरी योजना बनाकर आए थे। पुलिस के जवानों पर हमला करने के बाद वे जोर-जोर से चिल्लाते हुए कह रहे थे कि “अभी ये मरे नहीं हैं।” तस्करों की ऐसी हरकतों ने स्पष्ट कर दिया कि वे न सिर्फ कानून व्यवस्था की परवाह नहीं करते, बल्कि पुलिस बल को भी खुलेआम चुनौती देने से नहीं हिचकिचाते।

घटना की जानकारी मिलते ही एसपी ग्रामीण चिराग जैन ने अहरौला थाने का दौरा किया और मामले की गहन जांच शुरू की। उन्होंने बताया कि दो नामजद आरोपियों और 8 अज्ञात लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। दो लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है और अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की कई टीमें गठित की गई हैं। यह घटना पशु तस्करी के संगठित अपराध की गंभीरता को उजागर करती है, जो न केवल अवैध व्यापार को बढ़ावा देता है, बल्कि समाज के रक्षक पुलिस बल पर भी खतरा बनकर मंडरा रहा है। इस तरह की घटनाओं ने समाज को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि कानून व्यवस्था को ठेंगा