ब्यूरो प्रमुख – एन. अंसारी, गोरखपुर
गोलाबाजार गोरखपुर 22 सितंबर।
फसल अवशेषों को जलाने की जगह उसे डीकंपोज कर जैविक खाद के रूप में बदला जा सकता है। जिससे किसानों की रासायनिक खादों के उपर निर्भरता कम हो जाएगी तथा हम रसायन मुक्त अनाज प्राप्त कर सकेंगे।
उक्त बातें विकास खंड गोला के बनवारपार प्राथमिक विद्यालय में आयोजित एक किसान गोष्ठी के दौरान सहायक विकास अधिकारी कृषी अनिल सिंह ने कही। उन्होंने कहा कि फसल अवशेष जलाने की जगह उसे मिट्टी में दबाने से मिट्टी को जिवांश कार्बन मिलता है जिससे उर्वरा शक्ति बढ जाती है। फसल अवशेष को जलाने से किसान को दोहरा नुकसान होता है जहां किसान एक अच्छी खाद से वंचित रह जाता है वही भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाने वाले अनेकों जीवाणुओं को नष्ट भी कर देता है। उपस्थित किसानों को फसल संबंधित जानकारी प्रभारी राजकीय गोदाम राजनारायण के द्वारा दी गयी। गोष्ठी की अध्यक्षता ग्राम प्रधान अनिता देवी ने की। कार्यक्रम का संचालन प्रावधिक सहायक विजेन्द्र ने की। कार्यक्रम के अंत में फसल अवशेष ना जलाने की शपथ कर्मचारियों के द्वारा उपस्थित किसानों को दिलाई गयी।