एमडीए को लेकर जिला समन्वय समिति की बैठक सम्पन्न, 1845652 लोगों को खिलाई जाएगी दवा

अमेठी

ब्यूरो रिपोर्ट- अमेठी

अमेठी 01 नवंबर 2021राष्ट्रीय फाइलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत एमडीए अभियान के सम्बन्ध में डीडीओ की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट के सभागार में एक बैठक आहूत की गई। इस दौरान कार्यक्रम की विभिन्न गतिविधियों को संचालित किए जाने के सम्बन्ध में विस्तार से चर्चा की गई। मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन अभियान के लिए जिला समन्वय समिति की पहली बैठक है। यह अभियान जनपद में 22 नवम्बर से 7 दिसम्बर तक चलाया जायेगा। जिला विकास अधिकारी ने कहा कि ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर अपने समक्ष समस्त लाभार्थियों को दवा का सेवन कराए। दवा सेवन के उपरान्त परिवार-पंजिका में लाभार्थी द्वारा सेवन की गई दवा की मात्रा का अंकन अवश्य करें। कार्यक्रम के पर्यवेक्षण हेतु ब्लॉक स्तर से नियुक्त प्रत्येक अधिकारी/कर्मचारी द्वारा अपने क्षेत्र में भ्रमण किया जाये। कार्यक्रम के मॉनिटरिंग फॉर्मेट को आगामी दो वर्ष तक अवश्य संरक्षित किए जाए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर के पास अपने क्षेत्र का माइक्रोप्लान अवश्य होना चाहिए एवं उसी के अनुसार भ्रमण करते हुए कार्य का निष्पादन करें। एसीएमओ एवं कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा राम प्रसाद ने बताया फाइलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम के तहत 22 नवम्बर से 7 दिसम्बर तक जिले में चलना तय है। इस कार्यक्रम के सही क्रियांन्वन के लिए फ्रंट लाइन वर्करों को पहले ही प्रशिक्षण में टिप्स दे दिये गये है। उन्होंने बताया कि जनपद की कुल आबादी 2171355 के सापेक्ष 1845652 लोगो को 1734 टीमों के माध्यम से 3472 आशा एवं आंगन वा डी कार्यकत्री के द्वारा दवा खिलाई जाएगी, नोडल अधिकारी ने बताया फाइलेरिया के उन्मूलन के लिए केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम चलाया जा रहा है। फाइलेरिया परजीवी की औसतन आयु 4 से 6 वर्ष की होती है, इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अभियान के दौरान पांच सालों तक लगातार फाइलेरिया से बचाव की दवा खानी चाहिए, जिससे कि वह फाइलेरिया जैसी घातक बीमारी से बच सके। मख्य चिकित्साधिकारी डा आशुतोश कुमार दुबे ने बताया फाइलेरिया बीमारी क्यूलेक्स और मैनसोनाइडिस प्रजाति के मच्छरों से होती है। यह मच्छर जब किसी मानव को काटता है तो यह एक पतले धागे जैसा परजीवी मानव शरीर में छोड़ता है। मादा परजीवी, नर परजीवी के संपर्क में आकर लाखों सूक्ष्म फाइलेरिया नामक भ्रूणों को जन्म देती है। यह माइक्रो फाइलेरिया रात के समय में प्रभावी होते हैं। इस दौरान अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा सी एस अग्रवाल, एस एम ओ डॉ जकारिया सहित सम्बन्धित विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।

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