ब्यूरो रिपोर्ट- प्रेम कुमार शुक्ल,अमेठी
- ‘शिवमूर्ति’ को कोर्ट ने घर मे घुसकर युवती के साथ जबरन दुष्कर्म के केस में कल ठहराया था दोषी,आज सजा पर आया कोर्ट का फैसला
- पुलिस ने नहीं दर्ज की थी एफआईआर,कोर्ट के आदेश पर आरोपी बीएसएफ जवान के खिलाफ घटना के करीब छह माह बाद कुड़वार थानें में दर्ज हुआ था मुकदमा,करीब साढ़े चार साल में आया कोर्ट का फैसला,पीड़िता को मिला इंसाफ
- एफटीसी प्रथम की ही अदालत ने लम्भुआ थाने के जाटूपुर से जुड़े दहेज हत्या के केस में आरोपी सास-ससुर को किया बरी,पति कमलेश को आत्महत्या के दुष्प्रेरण में माना दोषी,15 को सजा पर आएगा फैसला
सुलतानपुर। शादी के बहाने युवती के घर पहुँचकर जबरन दुष्कर्म के मामले में फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट जज कल्पराज सिंह की अदालत ने कल आरोपी बीएसएफ जवान को दोषी करार दिया था। जिसकी सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए आज कोर्ट ने उसे सात वर्ष के कठोर कारावास एवं कुल 56 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।
मालूम हो कि पीपरपुर (वर्तमान थाना कोतवाली देहात) क्षेत्र के असरवन गांव के रहने वाले बीएसएफ जवान शिवमूर्ति के खिलाफ 30 नवम्बर 2016 की घटना बताते हुए कुड़वार थाना क्षेत्र की रहने वाली पीड़िता ने स्थानीय पुलिस को तहरीर दी। हालांकि बीएसएफ जवान के प्रभाव में पुलिस ने पीड़िता की अर्जी पर कोई सुनवाई नहीं की। पुलिस से सुनवाई न होने पर पीड़िता ने एफआईआर व तफ्तीश की मांग को लेकर कोर्ट में अर्जी दी। अदालत ने पीड़िता की अर्जी पर संज्ञान लेते हुए मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच के लिए कुड़वार थानाध्यक्ष को आदेशित किया। पीड़िता के आरोप के मुताबिक घटना के पहले वह अहिमाने गांव के निकट एक वैवाहिक कार्यक्रम में शामिल होने गई थी,इस दौरान उसकी मुलाकात आरोपी शिवमूर्ति से हुई,जहां शिवमूर्ति ने पीड़िता को देखकर शादी का प्रस्ताव रखना चाहा और इसी बहाने पीड़िता के घर पहुँच गया। आरोप के मुताबिक पीड़िता के पिता की पूर्व में ही हत्या हो चुकी थी और उसके भाई की एक एक्सीडेंट में मौत हो गई थी। वह घर पर मात्र अपनी बहन व मां के साथ रहती थी। घटना के समय पीड़िता की मां-बहन भी किसी काम से बाहर गई थी,तभी उसके घर पहुँचे आरोपी बीएसएफ जवान शिवमूर्ति ने मौका पाकर उसकी मजबूरी का फायदा उठाकर पीड़िता के साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दे डाला। मामले में कोर्ट के जरिये संज्ञान लेने के बाद 30 मई 2017 को कुड़वार थाने में एफआईआर दर्ज हो सकी,जिसके बाद हरकत में आई पुलिस ने आरोपी पर कार्यवाही की और जेल भेजने के बाद कोर्ट में आरोप-पत्र भी दाखिल किया। मामले का विचारण एफटीसी प्रथम की अदालत में चला। इस दौरान अभियोजन पक्ष से शासकीय अधिवक्ता दान बहादुर वर्मा ने अभियोजन गवाहों को परीक्षित कराया और आरोपी शिवमूर्ति को घटना का जिम्मेदार ठहराते हुए कड़ी सजा से दण्डित किये जाने की मांग की। वहीं बचाव पक्ष ने अपने साक्ष्यों एवं तर्कों को प्रस्तुत कर आरोपी को बेकसूर बताया। उभय पक्षों को सुनने के पश्चात एफटीसी जज कल्पराज सिंह ने आरोपी बीएसएफ जवान को घर में घुसकर जबरन दुष्कर्म के आरोप में कल दोषी ठहराया था। जिसकी सजा के बिंदु पर आज सुनवाई चली,जिसके पश्चात अदालत ने दोषी बीएसएफ जवान को सात वर्ष के कठोर कारावास एवं 56 हजार रुपये के अर्थदंड से दण्डित किये जाने की सजा सुनाई है। वहीं एफटीसी प्रथम कल्पराज सिंह की ही अदालत ने लम्भुआ थाने के जाटूपुर से जुड़े दहेज हत्या के आरोप से जुड़े मामले में उभय पक्षों को सुनने के पश्चात आज आरोपी सास निर्मला व उसके पति को दोषमुक्त करार दिया है। जबकि अदालत ने मुख्य आरोपी पति कमलेश गुप्ता को उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर दहेज हत्या के बजाय आत्महत्या के दुष्प्रेरण का दोषी माना है। अदालत ने दोषी कमलेश गुप्ता की सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए 15 नवम्बर की तारीख तय की है।