पराली/फसलों के अवशेष न जलाए जाने के संबंध में जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों के साथ किया बैठक।

अमेठी

फसलों के अवशेष को जलाने से रोकने हेतु प्रभावी कार्यवाही करने का जिलाधिकारी ने दिया निर्देश।

फसल अवशेष जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में किसानों को किया जाए जागरूक……..डीएम।

पराली जलने पर दंडित होंगे संबंधित अधिकारी/कर्मचारी……..डीएम।

अमेठी 23 नवम्बर 2021, जिलाधिकारी अरुण कुमार व मुख्य विकास अधिकारी डा. अंकुर लाठर ने कल देर शाम खरीफ मौसम की फसलों के अवशेषों को जलाये जाने की घटनाओं पर प्रभावी रोकथाम संबंधी कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक कर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। बैठक में जिलाधिकारी ने कृषि विभाग, राजस्व विभाग एवं अन्य सम्बंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा है कि किसी भी दशा में पराली/फसलों के अवशेष न जलाये जाये। उन्होंने कृषकों के मध्य फसल अवशेष जलाने से मिट्टी, जलवायु एवं मानव स्वास्थ्य को होने वाली हानि के विषय में व्यापक रूप से जागरूक कराये जाने के लिए कहा। उन्होंने यह भी कहा कि किसानों के मध्य इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये कि फसल अवशेष जलाना दण्डनीय है। उन्होंने कहा कि पराली न जलाने के संबंध में किसानों को समझाएं उन्हें जागरूक करें यदि समझाने के बाद भी कोई किसान नहीं मानता है तो उसके विरुद्ध कार्यवाही करें। उन्होंने कहा कि सम्बंधित ग्राम के ग्राम प्रधान एवं लेखपाल तथा पंचायत सचिव एवं कृषि विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों का यह दायित्व होगा कि फसल अवशेष न जलने पाये, इसके लिए जो भी आवश्यक कदम उठानें हो, उसको उठाया जाये। फसल अवशेष जलाने की घटनाएं सामने आने पर सम्बंधित ग्राम प्रधान, पंचायत सचिव व लेखपाल इसके लिए जिम्मेदार होंगे और उनके विरूद्ध कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि ग्राम पंचायतों में बैठक कर पराली जलाने से होने वाले नुकसान व अर्थदंड के बारे में किसानों को sms, ग्राम प्रधान, प्रदर्शनी व कृषक गोष्ठियों के माध्यम से जागरूक किया जाए। जिलाधिकारी ने जिला कृषि अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि इच्छुक किसानों के खेत से पराली संग्रह कर प्रत्येक गौशालाओं में 50 कुन्तल रखा जाए तथा पराली का गौशाला स्थल में पशुओं के बिछावन, चारे या अन्य उपयोग में लाया जाए। जिलाधिकारी ने समस्त उपजिलाधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि अपने-अपने क्षेत्रों में फसल अवशेष जलाये जाने की घटनायें रोकने के लिए प्रभावी कार्यवाही करना सुनिश्चित करें तथा किसी भी दशा में अपने क्षेत्र में फसल अवशेष जलाये जाने की घटनायें बिल्कुल न होने दें। यदि कोई किसान पराली जलाता है तो उसके विरूद्ध आई0पी0सी0 तथा राष्ट्रीय हरित अधिकरण के प्रावधानों के तहत जुर्माना लगाया जाये। जिलाधिकारी ने सभी उप जिलाधिकारियों व खंड विकास अधिकारियों को अपने-अपने तहसील स्तर व विकास खंड स्तर पर संबंधित कर्मचारियों के साथ बैठक आयोजित करने व पराली दो खाद लो कार्यक्रम गो वंश आश्रय स्थलों के माध्यम से संचालित करने के निर्देश दिए ताकि पराली चारे व बिछावन के रूप में उपयोग किया जा सके। साथ ही उन्होंने कहा कि यदि कहीं पर भी पराली जलने की घटना सामने आती है तो उसकी सूचना कंट्रोल रूम को तत्काल दी जाए। उन्होंने बताया कि कृषि भूमि का क्षेत्रफल 2 एकड़ से कम होने की दशा में अर्थदण्ड 2500, 2 एकड़ से अधिक किन्तु 5 एकड़ से कम होने की दशा में अर्थदण्ड 5000 तथा 5 एकड़ से अधिक होने की दशा में अर्थदण्ड रूपये 15000 प्रति घटना लगाया जायेगा। कोई भी कम्बाइन हार्वेस्टर, सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम अथवा स्ट्रा रीपर अथवा स्ट्रा रेक एवं बेलर के बगैर चलते हुई पायी जाये तो उसको तत्काल सीज कर दिया जाये। समस्त उप जिलाधिकारी अपनी-अपनी तहसीलों में दैनिक कृत कार्यवाही की सूचना गठित सेल को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे। जिलाधिकारी ने समस्त निर्देशों का कड़ाई से पालन कराने के निर्देश दिये है। बैठक के दौरान परियोजना निदेशक डीआरडीए आशुतोष दूबे, उप निदेशक कृषि सत्येन्द्र सिंह चौहान, जिला कृषि अधिकारी अखिलेश पांडेय, समस्त उपजिलाधिकारी, पुलिस क्षेत्राधिकारी गौरीगंज गुरमीत सिंह, समस्त बीडीओ सहित अन्य सम्बंधित उपस्थित रहे।

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