5 वर्ष से अधिक पुराने राजस्व वादों का निस्तारण प्राथमिका के आधार पर किया जाय
आजमगढ़- मण्डलायुक्त मनीष चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को उनके कार्यालय सभागार में कर करेत्तर वसली, अन्य राजस्व कार्यों एवं प्रवर्तन कार्यों की मण्डल स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गयी। बैठक में मण्डलायुक्त श्री चौहान ने प्रवर्तन कार्यों की समीक्षा के करते हुए सहायक आयुक्त, खाद्य एवं औषधि प्रशासन को निर्देशित दिया कि मण्डल के जनपदों में स्थित मिष्ठान की बड़ी दुकानों और होटलों आदि में छापेमारी की स्थिति के साथ ही ऐसे प्रतिष्ठानों से एकत्रित किए गये खाद्य पदार्थों के नमूनों का पूरा विवरण उपलब्ध कराया जाय। मण्डलायुक्त ने कहा कि विभिन्न प्रतिष्ठानों से एकत्रित खाद्य के नमूनों के परिणाम सबस्टैण्डर्ड मिलने की दशा में जो भी कार्यवाही की गयी है उसका तथा अनसेफ फूड पाये जाने की दशा में की गयी विधिक कार्यवाही आदि का भी पूरा ब्योरा उपलब्ध करायें। उन्होने निर्देश दिया कि नियमित रूप से खाद्य पदार्थों के नमूने एकत्रित कर टेस्ट करायें, किसी भी दशा में सबस्टैण्डर्ड (अवमानक) या अनसेफ खाद्य पदार्थों की बिक्री नहीं होनी चाहिए।
मण्डलायुक्त श्री चौहान ने मण्डल के जनपदों में राजस्व न्यायालयों में लम्बित राजस्व वादों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिया कि 5 वर्ष से अधिक पुराने राजस्व वादों को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित किया जाय। उन्होंने अपर जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि तहसीलवार राजस्व वादों के निस्तारण की नियमित रूप से साप्ताहिक समीक्षा की जाय। मण्डलायुक्त ने कहा कि धारा 34 (नामान्तरण), निर्विवाद उत्तराधिकार, धारा 24 (पैमाइश) आदि के मामलों के समयबद्ध रूप से निस्तारित कराना सुनिश्चित किया जाय, ताकि विचाराधीन वादों में कमी लाई जा सके। उन्होंने निर्देश दिया कि आईजीआरएस के लम्बित सन्दर्भों को तत्काल निस्तारित करायें।
बैठक में अपर आयुक्त (प्रशासन) केके अवस्थी, अपर आयुक्त (न्यायिक) शमशाद हुसैन, अपर जिलाधिकारी-वित्त एवं राजस्व आजमगढ़ आजाद भगत सिंह, अपर जिलाधिकारी-वित्त एवं राजस्व मऊ सत्यप्रिय सिंह, डीआईजी स्टाम्प मनोज कुमार शुक्ला सहित अन्य विभागों के अधकारी उपस्थित थे।