बस्ती: रंगरेलियों में रंगे हाथ पकड़े गए सीओ, पत्नी ने मचाया हंगामा

बस्ती: रंगरेलियों में रंगे हाथ पकड़े गए सीओ, पत्नी ने मचाया हंगामा

बस्ती,  बस्ती जनपद के एक सीओ की शर्मनाक हरकत ने पूरे पुलिस महकमे को शर्मसार कर दिया है। एक स्थानीय होटल में रंगरेलिया मनाते हुए क्षेत्राधिकारी (सीओ) को उनकी पत्नी ने रंगे हाथों पकड़ा, जिसके बाद वहां जमकर हंगामा हुआ। पत्नी ने सीओ की कारगुजारी की शिकायत एसपी और डीजीपी से की है, जिसके बाद मामले की जांच शुरू कर दी गई है।

सूत्रों के अनुसार, सीओ अपनी माशूका के साथ एक स्थानीय होटल में थे। उनकी पत्नी को इसकी भनक लग गई और वह अचानक होटल पहुंच गईं। वहां उन्होंने अपने पति को माशूका के साथ लिपटे हुए देखा। इस दृश्य को देखकर पत्नी का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया और उन्होंने होटल में जोरदार हंगामा कर दिया।

पत्नी का हंगामा और सीओ का बचाव

पत्नी ने अपने पति की इस शर्मनाक हरकत पर उन्हें खूब खरी-खोटी सुनाई। सीओ ने अपनी इज्जत का हवाला देकर पत्नी को शांत करने की कोशिश की, लेकिन पत्नी का गुस्सा शांत नहीं हुआ। उन्होंने तुरंत एसपी और डीजीपी को इस घटना की जानकारी दी और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।

घटना की जानकारी मिलते ही एसपी ने तत्काल मामले की जांच शुरू कर दी। एसपी ने जांच कर रिपोर्ट शासन में भेज दी है, जिसके बाद विभाग में हड़कंप मच गया है। सीओ की इस कारगुजारी से पूरा पुलिस महकमा शर्मसार हो गया है। सीओ के खिलाफ सख्त कार्रवाई की तलवार लटक रही है और पुलिस महकमे में उनकी छवि को गहरा धक्का लगा है।

विभागीय हड़कंप और जांच

इस घटना के बाद पुलिस महकमे में हलचल मच गई है। एसपी ने मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम गठित की है, जो सीओ के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच कर रही है। एसपी ने इस मामले में पूरी निष्पक्षता से जांच कराने का आश्वासन दिया है ताकि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिल सके।

सीओ की इस हरकत से न केवल पुलिस महकमा बल्कि पूरा समाज स्तब्ध है। स्थानीय निवासियों ने इस घटना पर गहरा दुख और नाराजगी व्यक्त की है। लोगों का कहना है कि पुलिस अधिकारी को अपने पद की गरिमा बनाए रखनी चाहिए और ऐसे कृत्यों से बचना चाहिए जो समाज और पुलिस विभाग की छवि को धूमिल करें।

बस्ती जनपद की इस घटना ने एक बार फिर से नैतिकता और कर्तव्यनिष्ठा के महत्व को उजागर किया है। पुलिस महकमे को ऐसे अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है जो अपने पद की मर्यादा को भूलकर अनैतिक कार्यों में लिप्त होते हैं। इस घटना से सबक लेते हुए, अन्य अधिकारियों को भी अपने कर्तव्यों का पालन पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ करना चाहिए ताकि पुलिस महकमे की छवि को साफ-सुथरा और विश्वसनीय बनाया जा सके।

इस घटना के बाद, सभी की नजरें अब जांच रिपोर्ट पर टिकी हैं और उम्मीद की जा रही है कि दोषी को जल्द से जल्द न्यायिक प्रक्रिया के तहत उचित सजा दी जाएगी। पुलिस विभाग को भी अपने अधिकारियों के लिए नैतिकता और कर्तव्यनिष्ठा के उच्च मानदंड स्थापित करने की दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए।