एससीओ बैठक के दौरान भारत-चीन रक्षा मंत्रियों की अहम भेंट: सीमा पर शांति, सहयोग और विश्वास बहाली पर दिया गया जोर

एससीओ बैठक के दौरान भारत-चीन रक्षा मंत्रियों की अहम भेंट: सीमा पर शांति, सहयोग और विश्वास बहाली पर दिया गया जोर

चिंगदाओ, चीन | 27 जून 2025 | स्रोत: PIB Delhi
शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की रक्षा मंत्रियों की बैठक के दौरान भारतीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह और चीन के रक्षामंत्री एडमिरल डोंग जून के बीच एक महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठक संपन्न हुई। यह भेंट ऐसे समय पर हुई है जब भारत और चीन दोनों ही सीमा विवादों के समाधान, क्षेत्रीय स्थिरता और आपसी विश्वास को पुनर्स्थापित करने के प्रयासों में सक्रिय हैं।


सीमा पर शांति और सौहार्द के लिए सुव्यवस्थित प्रयासों पर जोर

बैठक के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत-चीन सीमा पर स्थायी शांति और सौहार्द बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच सामान्य स्थिति बहाल करने की दिशा में किए जा रहे प्रयास सराहनीय हैं, लेकिन अब समय है कि

  • स्थायी संपर्क बनाए रखा जाए

  • तनाव कम करने के लिए सुव्यवस्थित प्रारूप के तहत जटिल मुद्दों का समाधान निकाला जाए

  • और सीमांकन को लेकर स्थापित तंत्र को फिर से सक्रिय किया जाए।


 "सीमांकन का स्थायी हल आवश्यक" — रक्षा मंत्री

श्री सिंह ने कहा कि सीमा प्रबंधन को लेकर स्थापित व्यवस्था को पुनर्जीवित किया जाना चाहिए और सीमांकन का स्थायी समाधान खोजा जाना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने 2020 के बाद उत्पन्न अविश्वास की भावना को समाप्त करने के लिए जमीनी स्तर पर ठोस कार्रवाई की अपील की।


एशिया और वैश्विक स्थिरता के लिए सहयोग पर बल

रक्षा मंत्री ने इस बात पर बल दिया कि

“एशिया और पूरी दुनिया में स्थिरता के लिए पड़ोस में बेहतर वातावरण और आपसी सहयोग आवश्यक है। सर्वोत्तम पारस्परिक लाभ तभी संभव हैं जब विश्वास और संवाद की भावना बनी रहे।”

उन्होंने दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों के 75 वर्ष पूर्ण होने को एक महत्वपूर्ण अवसर बताते हुए, कैलाश मानसरोवर यात्रा के पुनः आरंभ को भी सकारात्मक पहल करार दिया।


 ऑपरेशन सिंदूर और आतंकवाद पर चर्चा

बैठक के दौरान श्री सिंह ने 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए जघन्य आतंकवादी हमले का उल्लेख किया और बताया कि इस आतंकी घटना के खिलाफ भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में सक्रिय आतंकवादी नेटवर्क पर सख्त कार्यवाही की। उन्होंने चीन से आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकजुटता की आवश्यकता को दोहराया।


 सैनिकों की वापसी और परामर्श प्रक्रिया पर सहमति

दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों ने

  • वर्तमान व्यवस्थाओं के माध्यम से सैनिकों की वापसी

  • तनाव कम करने

  • सीमा प्रबंधन और सीमांकन के मुद्दों पर प्रगति
    के लिए विभिन्न स्तरों पर परामर्श जारी रखने पर सहमति व्यक्त की। यह वार्ता दोनों पक्षों के बीच विश्वास बहाली के नए अध्याय की शुरुआत मानी जा रही है।


यह बैठक भारत और चीन के बीच सुरक्षा, कूटनीति और संवाद के नए संतुलन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यदि इन द्विपक्षीय प्रयासों को सही रूप में अमल में लाया जाए, तो यह न केवल सीमा विवादों का समाधान प्रदान करेगा, बल्कि एशिया में दीर्घकालिक शांति और सहयोग का मार्ग भी प्रशस्त करेगा।

"संवाद ही समाधान है – भारत-चीन रक्षा वार्ता ने दिखाई नई राह"