चीन के चिंगदाओ में एससीओ बैठक के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की रूस के समकक्ष से अहम भेंट, एस-400 और एसयू-30 अपग्रेड पर जोर

चिंगदाओ, चीन | 26 जून 2025
भारतीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के रक्षा मंत्रियों की बैठक के अवसर पर रूस के रक्षा मंत्री श्री आंद्रे बेलौसोव से महत्वपूर्ण द्विपक्षीय मुलाकात की। यह मुलाकात चीन के चिंगदाओ शहर में आयोजित हुई, और इसे हाल के दिनों में भारत-रूस संबंधों के दृष्टिकोण से एक रणनीतिक और निर्णायक संवाद माना जा रहा है।
सामरिक सहयोग और रक्षा उत्पादन में मजबूती पर जोर
बैठक के दौरान दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों ने
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एस-400 वायु रक्षा प्रणाली की आपूर्ति
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एसयू-30 एमकेआई फाइटर जेट के उन्नयन
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और समयबद्ध सैन्य साजो-सामान की खरीद जैसे मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया।
इसके साथ ही वायु से वायु में मार करने वाली मिसाइलें, आधुनिक हवाई प्लेटफॉर्म और रक्षा उत्पादन को बढ़ाने के लिए संयुक्त अनुसंधान व निर्माण पर भी विचार-विमर्श किया गया।
आतंकवाद के मुद्दे पर रूस ने जताई भारत से एकजुटता
रूसी रक्षा मंत्री आंद्रे बेलौसोव ने 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की निंदा करते हुए भारत के प्रति गहरी संवेदना और एकजुटता प्रकट की। उन्होंने भारत-रूस के दीर्घकालिक रणनीतिक रिश्तों को "समय की कसौटी पर खरा" बताते हुए कहा कि इन संबंधों में विश्वास, सहयोग और स्थायित्व की मिसाल देखने को मिलती है।
ऑपरेशन 'सिंदूर' की पृष्ठभूमि में अहम बैठक
यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब भारत ने हाल ही में आतंकवाद के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर जैसी कार्रवाई को अंजाम दिया है। इसे ध्यान में रखते हुए, सीमा-पार आतंकवाद, क्षेत्रीय सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय भू-राजनीतिक स्थिति पर भी चर्चा हुई।
एससीओ मंच पर रक्षा संवाद का विस्तार
एससीओ की बैठक के बहुपक्षीय मंच का उपयोग करते हुए, भारत और रूस ने अपने परंपरागत रक्षा सहयोग को नई दिशा देने पर सहमति जताई। खासकर स्वदेशी रक्षा निर्माण, तकनीकी सहयोग, और विस्तारित लॉजिस्टिक साझेदारी पर भी दोनों पक्षों ने रुचि दिखाई।
यह मुलाकात भारत और रूस के बीच मजबूत रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाइयों तक ले जाने वाला कदम साबित हो सकती है। रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह की इस बैठक के जरिए यह स्पष्ट संदेश गया है कि भारत, अपने मित्र देशों के साथ आत्मनिर्भर रक्षा सहयोग और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकता को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है।
भारत-रूस: स्थायित्व, रणनीति और भरोसे की अटूट डोर