सरकारी ज़मीन पर दबंगई से हो रहा अवैध निर्माण, डीएम से शिकायत — लेखपाल और राजस्व कर्मियों की मिलीभगत पर भी उठे सवाल

गौरीगंज, अमेठी | संवाददाता विशेष
अमेठी जनपद में सरकारी जमीन पर दबंग द्वारा किए जा रहे अवैध कब्जे का एक गंभीर मामला सामने आया है। तहसील गौरीगंज के राजस्व ग्राम रामशाहपुर (परगना गौरा जामों) में जंगल झाड़ी के रूप में दर्ज भूमि पर दबंग व्यक्ति द्वारा खुलेआम निर्माण कराया जा रहा है, जिसकी शिकायत स्थानीय निवासी वीरेन्द्र पाण्डेय ने स्वयं जिलाधिकारी से की है।
शिकायत के अनुसार, गांव के नरेंद्र कुमार शुक्ला, जिनके भाई सुशील कुमार शुक्ला तहसील तिलोई में राजस्व निरीक्षक के पद पर तैनात हैं, ने भू-गाटा संख्या 290 पर 30 अप्रैल से अवैध निर्माण शुरू कर रखा है। यह भूमि ग्रामसभा व राज्य सरकार की संपत्ति है, जो खतौनी में जंगल झाड़ी के रूप में अंकित है।
वीरेन्द्र पाण्डेय ने आरोप लगाया है कि यह पूरा निर्माण हल्का लेखपाल संजीव कुमार सिंह की मिलीभगत से किया जा रहा है। इससे पूर्व भी नरेंद्र कुमार शुक्ला द्वारा इसी भूमि पर लगभग 50 एयर में अवैध निर्माण किया गया था, जिसकी शिकायत पर महज 10 एयर जमीन पर ही 67(1) की मामूली कार्रवाई की गई थी।
शिकायत के बावजूद जारी है निर्माण
प्रार्थी ने अवैध निर्माण को लेकर तहसीलदार, गौरीगंज को उनके सीयूजी नंबर पर मोबाइल से सूचना भी दी, लेकिन कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई और निर्माण कार्य अब भी चालू है। इससे न केवल शासन की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंच रही है, बल्कि सरकारी जमीन पर हो रहे कब्जे से राज्य सरकार को आर्थिक क्षति भी हो रही है।
यह केवल कब्जा नहीं, प्रशासनिक भ्रष्टाचार की बानगी!
यह मामला सिर्फ अवैध निर्माण तक सीमित नहीं है, बल्कि प्रशासनिक अधिकारियों की संलिप्तता और शिथिलता को भी उजागर करता है। लेखपाल और राजस्व विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, जिससे आम नागरिकों का भरोसा सरकारी तंत्र से डगमगा रहा है।
जनता की मांग:
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जिलाधिकारी द्वारा तत्काल प्रभाव से निर्माण रुकवाया जाए।
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भू-माफिया और संलिप्त अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही की जाए।
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राजस्व विभाग में अंतरित/बदली एवं विभागीय जांच की प्रक्रिया शुरू की जाए।
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ग्राम सभा की सम्पत्तियों को प्रभावी निगरानी एवं सुरक्षा मिले।
यह मामला जिले के प्रशासनिक तंत्र की निष्क्रियता और मिलीभगत का उदाहरण बनता जा रहा है। यदि समय रहते कठोर कदम न उठाए गए, तो ऐसी दबंगई भविष्य में ग्राम पंचायत की सार्वजनिक संपत्तियों को लील सकती है।