30 हजार फीट की ऊंचाई पर इंसानियत की जीत, इंडिगो फ्लाइट में अमेरिकी महिला की जान बचाने आगे आईं पूर्व विधायक डॉ. अंजलि निंबालकर

30 हजार फीट की ऊंचाई पर इंसानियत की जीत, इंडिगो फ्लाइट में अमेरिकी महिला की जान बचाने आगे आईं पूर्व विधायक डॉ. अंजलि निंबालकर

गोवा से नई दिल्ली जा रही इंडिगो की एक फ्लाइट शनिवार दोपहर उस वक्त हड़कंप का केंद्र बन गई, जब एक अमेरिकी महिला यात्री की तबीयत अचानक बिगड़ गई और वह बेहोश होकर गिर पड़ीं। टेकऑफ के महज 10 मिनट बाद, 30 हजार फीट की ऊंचाई पर यह स्थिति जानलेवा साबित हो सकती थी। लेकिन इसी फ्लाइट में सवार कर्नाटक की पूर्व कांग्रेस विधायक और मेडिकल प्रोफेशनल डॉ. अंजलि निंबालकर ने तत्परता दिखाते हुए समय रहते महिला की जान बचा ली। यह घटना न सिर्फ सूझबूझ और चिकित्सा ज्ञान का उदाहरण बनी, बल्कि इंसानियत की एक प्रेरक तस्वीर भी पेश कर गई।


टेकऑफ के बाद अचानक बिगड़ी तबीयत

शनिवार दोपहर करीब डेढ़ बजे, गोवा से दिल्ली जा रही इंडिगो फ्लाइट ने उड़ान भरी ही थी कि महज 10 मिनट बाद केबिन में अफरा-तफरी मच गई। कैलिफोर्निया की रहने वाली 34 वर्षीय जेनी, जो अपनी बहन के साथ दिल्ली में एक शादी समारोह में शामिल होने जा रही थीं, अचानक बेचैनी और तेज कंपकंपी की शिकायत करने लगीं।

कुछ ही सेकेंड में—

  • उनकी हालत तेजी से बिगड़ी

  • शरीर कांपने लगा

  • और देखते ही देखते वह बेहोश होकर सीट से गिर पड़ीं

केबिन में सन्नाटा और डर का माहौल बन गया।

डॉक्टर की अनाउंसमेंट से पहले ही हरकत में आईं डॉ. अंजलि

इसी फ्लाइट में मौजूद थीं डॉ. अंजलि निंबालकर, जो कर्नाटक के बेलगावी जिले के खानापुर विधानसभा क्षेत्र से 2018 में कांग्रेस विधायक रह चुकी हैं। राजनीति में आने से पहले वह एक प्रशिक्षित मेडिकल प्रोफेशनल रही हैं। जैसे ही उन्होंने महिला की हालत देखी,

  • फ्लाइट क्रू की ओर से डॉक्टर की अनाउंसमेंट होने से पहले ही

  • वह अपनी सीट से उठीं

  • और बिना समय गंवाए जेनी की मदद के लिए आगे बढ़ गईं।

गंभीर लक्षण, लेकिन सटीक पहचान

डॉ. अंजलि ने जांच में पाया कि—

  • जेनी बेहोश थीं

  • उनकी मुट्ठियां कसकर बंद थीं

  • शरीर का रंग पीला पड़ चुका था

  • और वह गंभीर रूप से डिहाइड्रेटेड थीं

लक्षण इतने गंभीर थे कि दिल के दौरे जैसी स्थिति की आशंका साफ नजर आ रही थी। 30 हजार फीट की ऊंचाई पर यह स्थिति बेहद खतरनाक हो सकती थी।

मिड-एयर मेडिकल इमरजेंसी में सूझबूझ

डॉ. अंजलि ने फ्लाइट क्रू के सहयोग से तुरंत जरूरी प्राथमिक उपचार शुरू किया।
उन्होंने—

  • महिला की स्थिति को स्थिर किया

  • डिहाइड्रेशन को ध्यान में रखते हुए जरूरी कदम उठाए

  • और लगातार उसकी नब्ज व प्रतिक्रिया पर नजर बनाए रखी

उनकी त्वरित प्रतिक्रिया और अनुभव ने हालात को नियंत्रण में ला दिया।

यात्रियों में राहत, महिला की जान बची

कुछ समय बाद जेनी की हालत में सुधार दिखने लगा। केबिन में बैठे यात्रियों ने राहत की सांस ली और डॉ. अंजलि के इस मानवीय प्रयास की सराहना की। यह साफ हो गया कि अगर कुछ मिनट की भी देरी होती, तो परिणाम गंभीर हो सकता था।

राजनीति से परे, डॉक्टर पहले

यह घटना साबित करती है कि

कुछ लोग पद से नहीं, अपने पेशे और संवेदनशीलता से पहचाने जाते हैं।

डॉ. अंजलि निंबालकर ने यह दिखा दिया कि चाहे वे राजनीति में हों या नहीं, एक डॉक्टर का फर्ज कभी खत्म नहीं होता


गोवा से दिल्ली की इस उड़ान में जो हुआ, वह एक चेतावनी भी है और प्रेरणा भी। चेतावनी—कि हवाई यात्रा में मेडिकल आपात स्थितियां कितनी गंभीर हो सकती हैं। और प्रेरणा—कि एक जागरूक इंसान, सही समय पर लिया गया फैसला और सेवा की भावना किसी की भी जान बचा सकती है।

कभी-कभी असली हीरो न मंच पर होते हैं, न सुर्खियों में— वे बस सही वक्त पर सही जगह खड़े होते हैं…