सूर्यकिरण: भारत-नेपाल संयुक्त सैन्य अभ्यास के लिए भारतीय सेना का दल रवाना

भारतीय सेना का 334 सदस्यों का दल आज सूर्यकिरण नामक भारत और नेपाल के बीच होने वाले बटालियन स्तर के संयुक्त सैन्य अभ्यास के लिए नेपाल रवाना हुआ। यह अभ्यास नेपाल के सालझंडी में 31 दिसंबर 2024 से 13 जनवरी 2025 के बीच आयोजित किया जाएगा। भारत और नेपाल बारी-बारी से हर वर्ष इस अभ्यास की मेजबानी करते हैं। इस बार भारतीय सेना के दल का नेतृत्व 11 गोरखा राइफल्स बटालियन कर रही है, जबकि नेपाली सेना के दल का नेतृत्व श्रीजुंग बटालियन के पास है।
इस अभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों की सेनाओं के बीच जंगल युद्ध कौशल, पर्वतीय क्षेत्रों में आतंकवाद-रोधी अभियानों और संयुक्त राष्ट्र की संहिता के तहत आपदाओं के दौरान मानवीय सहायता के लिए संयुक्त कार्यक्षमता को मजबूत करना है। इसके अलावा, अभ्यास में कार्यक्षमता बढ़ाने, वैमानिक और चिकित्सा प्रशिक्षण के पहलुओं और पर्यावरण संरक्षण पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
इस सैन्य अभ्यास के दौरान, दोनों देशों की सेनाएं एक-दूसरे के साथ काम करके न केवल अपने युद्ध कौशल में सुधार करेंगी, बल्कि चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में परस्पर सहयोग को भी मजबूती देंगी। यह अभ्यास ऐसे समय में हो रहा है जब हाल ही में भारत के सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने नेपाल का सफल दौरा किया था और नेपाल के सेना प्रमुख जनरल अशोक राज सिग्डेल ने भारत का दौरा किया था। सूर्यकिरण अभ्यास से दोनों देशों की सेनाओं को एक-दूसरे के अनुभवों और कार्यशैलियों को समझने और सीखने का अवसर मिलेगा।
दो देशों के बीच मित्रता का प्रतीक:
सूर्यकिरण अभ्यास भारत और नेपाल के बीच सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और सामरिक संबंधों को और गहराई प्रदान करता है। यह दोनों देशों को रक्षा क्षेत्र में व्यापक सहयोग के लिए एक मजबूत मंच उपलब्ध कराता है। इस अभ्यास के जरिए साझा सुरक्षा उद्देश्यों को हासिल करने के साथ-साथ द्विपक्षीय संबंधों को और सुदृढ़ किया जाएगा।
सूर्यकिरण अभ्यास भारत और नेपाल की सेनाओं के बीच दोस्ती, विश्वास और सामंजस्य का प्रतीक है। यह दोनों देशों के बीच सैन्य साझेदारी और सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।