करुणा और कर्ण की आवाज़ सदा रहेगी अमर: ‘महाभारत’ के कर्ण पंकज धीर नहीं रहे

करुणा और कर्ण की आवाज़ सदा रहेगी अमर: ‘महाभारत’ के कर्ण पंकज धीर नहीं रहे

— पर्दे का वो योद्धा जिसने अभिनय को धर्म समझा, आज सिनेमा जगत शोक में डूबा है

मुंबई।
भारतीय टेलीविजन और फ़िल्म जगत के लोकप्रिय अभिनेता पंकज धीर का निधन हो गया है। ‘महाभारत’ में कर्ण की भूमिका निभाकर उन्होंने जो अमर छाप छोड़ी, वह आज भी करोड़ों दर्शकों के दिलों में जीवंत है। अभिनय की दुनिया में उनका जाना एक युग के अंत जैसा महसूस हो रहा है — क्योंकि पंकज धीर केवल अभिनेता नहीं, बल्कि वह चेहरा थे जिसने धर्म, मित्रता और स्वाभिमान को जीवंत रूप दिया था।

पंकज धीर ने छोटे पर्दे से लेकर बड़े परदे तक अपने अभिनय का जादू बिखेरा। टेलीविज़न पर जहाँ उन्होंने ‘महाभारत’ में कर्ण बनकर इतिहास रचा, वहीं फ़िल्मों में भी उन्होंने अपने दमदार किरदारों से दर्शकों की वाहवाही लूटी। उनकी गंभीर आवाज़, तेजस्वी नज़र और संवेदनशील अभिनय ने हर दृश्य को जीवंत बना दिया।

उनका कर्ण आज भी हर भारतीय के मन में निष्ठा, मित्रता और त्याग का प्रतीक है। पंकज धीर ने अपने अभिनय से उस चरित्र में जो जीवन फूंका, वह पीढ़ियों तक याद रखा जाएगा।

सिनेमा जगत, उनके मित्रों और लाखों प्रशंसकों में शोक की लहर दौड़ गई है। सोशल मीडिया पर लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं, और एक ही बात कह रहे हैं — "कर्ण अमर रहेगा, क्योंकि पंकज धीर ने उसे अमर बना दिया।"

पंकज धीर के बेटे निकितन धीर भी फ़िल्मों में सक्रिय हैं, और पिता की कला एवं अनुशासन को अपना आदर्श मानते रहे हैं।

आज भारतीय सिनेमा ने अपना एक सच्चा “कला योद्धा” खो दिया —
परन्तु उनके संवाद, उनके भाव, और उनका कर्ण सदा हमारी स्मृतियों में अमर रहेगा।

श्रद्धांजलि — पंकज धीर (कर्ण)
"वह व्यक्ति चला गया, जिसने अभिनय को धर्म बनाया और हर किरदार में जीवन का संदेश दिया..."