दिल्ली में AAP की हार के बाद कांग्रेस पर बरसे सहयोगी, कपिल सिब्बल ने किया बचाव – 'गठबंधन धर्म निभाया है'!
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नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) की करारी हार के बाद विपक्षी 'INDI' गठबंधन में हलचल मच गई है। संजय राउत से लेकर उमर अब्दुल्ला तक, कई विपक्षी नेताओं ने कांग्रेस पर गठबंधन को कमजोर करने का आरोप लगाया है। यहां तक कि शरद पवार की पार्टी और कांग्रेस नेता तारिक अनवर ने भी पार्टी की रणनीति पर सवाल उठाए हैं।लेकिन इसी बीच वरिष्ठ वकील और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल कांग्रेस के समर्थन में सामने आए हैं। उन्होंने कांग्रेस का बचाव करते हुए गठबंधन सहयोगियों को आत्मविश्लेषण करने की सलाह दी है।
सिब्बल का पलटवार – ‘कांग्रेस ने हमेशा निभाया है गठबंधन धर्म’
कपिल सिब्बल ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा विपक्षी एकता को मजबूत करने का प्रयास किया है। उन्होंने याद दिलाया कि बिहार के 2020 विधानसभा चुनावों में भी कांग्रेस के प्रदर्शन से गठबंधन को झटका लगा था, लेकिन यह सिर्फ कांग्रेस की गलती नहीं थी।
उन्होंने कहा,
"बीजेपी को फायदा यह है कि वे एक ही कमान के तहत चुनाव लड़ते हैं, जबकि विपक्ष में आपसी समन्वय की कमी दिखती है। उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में कांग्रेस ने गठबंधन करके चुनाव लड़ा और उन्हें फायदा मिला, इसलिए सभी दलों को मिलकर आगे की रणनीति तय करनी होगी।"
शरद पवार की बात दोहराई, INDY गठबंधन को दी सलाह
कपिल सिब्बल ने शरद पवार के बयान को दोहराते हुए कहा कि INDI गठबंधन एक राष्ट्रीय गठबंधन है, न कि राज्य आधारित गठबंधन। उन्होंने कहा कि जब राष्ट्रीय चुनाव होते हैं, तब यह प्रभावी होता है, लेकिन क्षेत्रीय चुनावों में स्थानीय समीकरणों को प्राथमिकता दी जाती है।सिब्बल ने साफ कहा कि गठबंधन की ख़ामियों को दूर करने के लिए सभी सहयोगियों को एकसाथ बैठकर रणनीति बनानी होगी, ताकि आगामी चुनावों में भाजपा को टक्कर दी जा सके।
क्या INDI गठबंधन में बढ़ेगी दरार?
दिल्ली चुनाव परिणामों के बाद कांग्रेस और उसके सहयोगियों के बीच तालमेल की कमी साफ दिख रही है। विपक्षी दल कांग्रेस पर उंगली उठा रहे हैं, जबकि सिब्बल जैसे वरिष्ठ नेता गठबंधन को मजबूत करने की नसीहत दे रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या INDI गठबंधन की यह दरार गहरी होगी या विपक्षी दल मिलकर नया समाधान निकालेंगे? आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि INDI गठबंधन अपने मतभेदों को कैसे सुलझाता है और कांग्रेस अपनी भूमिका को कैसे परिभाषित करती है।