भारतीय नौसेना को आत्मनिर्भरता की नई शक्ति! आठवें मिसाइल एवं गोला-बारूद बार्ज 'एलएसएएम 11' की भव्य सुपुर्दगी

मेक इन इंडिया के तहत स्वदेशी निर्माण, नौसेना की सामरिक ताकत को नई ऊंचाई
मुंबई, 07 मार्च 2025 – भारतीय नौसेना के सामरिक सशक्तिकरण को एक और मजबूत आधार मिला जब आठवें मिसाइल एवं गोला-बारूद (एमसीए) बार्ज, एलएसएएम 11 (यार्ड 79) को नौसेना डॉकयार्ड, मुंबई में एक गरिमामय समारोह में भारतीय नौसेना को सुपुर्द कर दिया गया। इस ऐतिहासिक अवसर के मुख्य अतिथि कमांडर राजेश बरगोटी (सीओवाई, एनडी, मुंबई) थे।
इस महत्वपूर्ण सुपुर्दगी के साथ ही एमएसएमई शिपयार्ड ने भारतीय नौसेना को सभी आठ अनुबंधित एमसीए बार्ज की डिलीवरी पूरी कर दी, जो आत्मनिर्भर भारत अभियान और मेक इन इंडिया पहल के तहत स्वदेशी निर्माण को नई ऊंचाइयों पर ले जाता है।
मेक इन इंडिया का शानदार प्रतीक – स्वदेशी निर्माण और उन्नत तकनीक
भारतीय नौसेना के लिए आठ एमसीए बार्ज के निर्माण और डिलीवरी का अनुबंध 19 फरवरी 2021 को एमएसएमई शिपयार्ड, मेसर्स सेकॉन इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, विशाखापत्तनम के साथ संपन्न हुआ था। इन अत्याधुनिक बार्ज को भारतीय शिप डिजाइनिंग फर्म के सहयोग से देश में ही डिजाइन किया गया है।
इनकी समुद्री उपयुक्तता को सुनिश्चित करने के लिए नौसेना विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला (एनएसटीएल), विशाखापत्तनम में उन्नत मॉडल परीक्षण किया गया, जिससे यह साबित हुआ कि ये बार्ज नौसेना के संचालन में अत्यधिक कुशल, मजबूत और प्रभावी साबित होंगे। इनके निर्माण में भारतीय नौवहन रजिस्टर (आईआरएस) के नियमों और नौसेना के मानकों का कड़ाई से पालन किया गया है।
भारतीय नौसेना की ताकत को नई धार
पहले ही सात एमसीए बार्ज नौसेना में शामिल किए जा चुके हैं और वे भारतीय नौसेना की परिचालन क्षमताओं को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इन बार्ज के जरिये भारतीय युद्धपोतों तक जेटी और बाहरी बंदरगाहों से वस्तुओं और गोला-बारूद का परिवहन, लोडिंग और अनलोडिंग अब और भी अधिक सुगम और प्रभावी हो गया है।
कमांडर राजेश बरगोटी ने इस अवसर पर कहा, "एलएसएएम 11 की सुपुर्दगी भारत के शिपबिल्डिंग कौशल और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और ऐतिहासिक कदम है। इससे हमारी नौसेना की ताकत कई गुना बढ़ेगी और हमारी सामरिक तैयारियों को नई गति मिलेगी।”
आगे की राह – आत्मनिर्भर भारत के लिए नया संकल्प
यह परियोजना भारत सरकार की 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' पहल का एक बेहतरीन उदाहरण है, जो स्वदेशी रक्षा उत्पादन को नई दिशा देने और एमएसएमई क्षेत्र को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।
भारतीय नौसेना की शक्ति में वृद्धि और समुद्री सीमाओं की सुरक्षा को और भी मजबूत करने के इस ऐतिहासिक क्षण पर, भारत एक बार फिर अपनी तकनीकी दक्षता और स्वदेशी निर्माण क्षमता का डंका बजा रहा है।