नागपुर में भड़की हिंसा: हंसपुरी में उपद्रव और आगजनी, शहर में कर्फ्यू लागू, 20 से अधिक लोग हिरासत में

नागपुर में भड़की हिंसा: हंसपुरी में उपद्रव और आगजनी, शहर में कर्फ्यू लागू, 20 से अधिक लोग हिरासत में

नागपुर, महाराष्ट्र — नागपुर शहर में औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग और एक पवित्र पुस्तक जलाने की अफवाह के बाद भड़की हिंसा ने शहर को हिला कर रख दिया है। सोमवार को हंसपुरी क्षेत्र में हुई इस घटना में दंगाइयों ने वाहनों में तोड़फोड़ और आगजनी की। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कर्फ्यू लागू कर दिया है और अब तक 20 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है।

सुबह से ही था तनाव, शाम को हिंसा में बदला

स्थानीय लोगों के अनुसार, सोमवार की सुबह से ही माहौल में तनाव का एहसास था। शाम होते-होते पथराव की घटनाएँ शुरू हो गईं। नागपुर के शाही परिवार के सदस्य राजे मुधोजी भोसले ने कहा, “नागपुर में ऐसी घटना पहले कभी नहीं हुई। जो भी लोग इसके लिए जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएँ न हों।” उन्होंने बताया कि घटना को गंभीरता से न लेने के कारण ही स्थिति बेकाबू हुई।

पुलिस की कार्रवाई और निषेधाज्ञा लागू

नागपुर के पुलिस आयुक्त रविंदर कुमार सिंघल ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत शहर के कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया है। यह प्रतिबंध तब तक जारी रहेगा जब तक स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में नहीं आ जाती। कोतवाली, गणेशपेठ, तहसील, लकड़गंज, पचपावली, शांतिनगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामवाड़ा, यशोधरानगर और कपिलनगर में पुलिस स्टेशन की सीमाओं में कर्फ्यू लागू किया गया है।

पुलिस ने हिंसक भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागे। क्विक रिस्पॉन्स टीम (क्यूआरटी), दंगा नियंत्रण पुलिस और एसआरपीएफ की तैनाती की गई है। पुलिस के अनुसार, करीब दो दर्जन से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है।

उपद्रवियों का पुलिस पर हमला, डीसीपी घायल

घटना के दौरान, दंगाइयों ने पुलिस पर भी हमला कर दिया। डीसीपी निकेतन कदम कुल्हाड़ी से किए गए हमले में गंभीर रूप से घायल हो गए। इसके अलावा, डीसीपी (ट्रैफिक) अर्चित चांडक ने भी बताया कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस और बल प्रयोग करना पड़ा।

राजनीतिक और धार्मिक नेताओं की शांति की अपील

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और नागपुर से सांसद नितिन गडकरी समेत तमाम नेताओं ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। कांग्रेस सांसद श्यामकुमार बर्वे ने कहा, “नागपुर में हिंदू-मुस्लिम झड़प कभी नहीं हुई। इस तरह की घटनाओं से मुख्य मुद्दों से ध्यान हटाने की कोशिश की जा रही है।”

प्रत्यक्षदर्शियों ने बयां की दर्दनाक घटनाएँ

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि दंगाइयों की भीड़ ने लगभग 25-30 वाहनों को तोड़फोड़ कर क्षतिग्रस्त कर दिया और चार गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। सुनील पेशने ने बताया, “500-1000 लोगों की भीड़ ने हमारी कार समेत कई गाड़ियों को नष्ट कर दिया। लोगों के घरों पर भी पथराव हुआ और हमारी खिड़कियाँ और दरवाजे भी तोड़ दिए गए।”

स्थिति अब नियंत्रण में, पुलिस की सख्त निगरानी

नागपुर पुलिस की कड़ी कार्रवाई और प्रभावी योजना के कारण अब स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है। संवेदनशील इलाकों में पुलिस बल की तैनाती जारी है और सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाने वालों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।

नागरिकों से अपील की गई है कि वे शांति बनाए रखें और कानून व्यवस्था बनाए रखने में प्रशासन का सहयोग करें।