फर्जी PM KISAN ऐप का ‘साइबर जाल’ ध्वस्त — आज़मगढ़ पुलिस की बड़ी कार्रवाई, अंतर्राज्यीय साइबर गैंग के 2 ठग गिरफ्तार, ₹7.77 लाख की ठगी उजागर; ₹17.50 लाख बैंक राशि फ्रीज़
आर.वी.9 न्यूज़ | संवाददाता, मनोज कुमार सिंह
- PM-KISAN के नाम पर साइबर ठगी का बड़ा खुलासा
- आज़मगढ़ पुलिस ने तोड़ा अंतर्राज्यीय गिरोह का नेटवर्क, दो गिरफ्तार—मोबाइल कब्ज़े में, नकदी बरामद, लाखों की राशि फ्रीज़
आज़मगढ़ | आज़मगढ़ पुलिस ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि साइबर अपराध कितना ही शातिर क्यों न हो, क़ानून के दायरे से बचना असंभव है। फर्जी “PM KISAN YOJANA (.APK)” ऐप बनाकर किसानों व आम नागरिकों के मोबाइल हैक करने और लाखों की ठगी करने वाले अंतर्राज्यीय साइबर गैंग का पर्दाफाश करते हुए साइबर क्राइम थाना पुलिस ने गैंग के 02 सक्रिय सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई न केवल साइबर अपराधियों के लिए चेतावनी है, बल्कि जनता के लिए भी एक महत्वपूर्ण सबक—कि डिजिटल दुनिया में एक क्लिक भी बड़ा नुकसान पहुंचा सकता है।
ठगी का खुलासा: किसान के खाते से उड़ाए ₹7.77 लाख
18 नवंबर 2025 को बिन्द्रा बाज़ार (गंभीरपुर) के निवासी करण गुप्ता के व्हाट्सऐप पर एक लिंक भेजा गया। लिंक पर लिखा था—“PM-KISAN YOJANA अपडेट—अपनी किस्त के लिए ऐप इंस्टॉल करें” विश्वास में आए पीड़ित ने .APK ऐप इंस्टॉल किया और कुछ ही क्षणों में उनका मोबाइल हैक हो गया। इसके बाद चलती-फिरती बैंक लूट की तरह उनके खाते से ₹7,77,000 की अवैध निकासी कर ली गई। मामले की गंभीरता समझते हुए साइबर क्राइम थाना की टीम हरकत में आई और तकनीकी विश्लेषण, बैंक विवरण और लोकेशन ट्रैकिंग के जरिए ठगों की पहचान कर ली।
इस तरह टूटा साइबर जाल
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. अनिल कुमार के निर्देशन में, एएसपी ट्रैफिक विवेक त्रिपाठी और सीओ सदर आस्था जायसवाल के पर्यवेक्षण में एक विशेष टीम गठित की गई। पुलिस ने तकनीकी ट्रेसिंग, IMEI लोकेशन, बैंक मूवमेंट और डिजिटल फोरेंसिक के आधार पर दो साइबर ठगों को धरदबोचा—
गिरफ्तार आरोपी
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परवेज़ अंसारी पुत्र फकरूद्दीन अंसारी
निवासी–बरडीहा लाला, देवरिया
वर्तमान–स्टार सिटी, बीबीडी थाना, लखनऊ -
मो. कलीम पुत्र अली हसन
निवासी–उत्तर्धौना, तिवारीगंज, बीबीडी थाना, लखनऊ
बरामदगी
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03 मोबाइल फोन
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₹26,500 नकद
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₹17,50,000 की बैंक राशि फ्रीज़
पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि गिरोह झारखंड, यूपी और महाराष्ट्र में फैला हुआ है। इनके खिलाफ अब तक 3 साइबर ठगी मामलों (NCRP कम्प्लेन) की पुष्टि हो चुकी है।
Modus Operandi – कैसे चलता था साइबर ठगी का खेल?
गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में चौंकाने वाली जानकारी दी—
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इनकी मुलाकात इंस्टाग्राम पर मो. समद नामक शख्स से हुई, जिसने इन्हें ठगी के धंधे से जोड़ा।
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कमीशन के लालच में आरोपी अपने बैंक खाते, ATM कार्ड आदि गिरिडीह (झारखंड) स्थित पते पर भेज देते थे।
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ठगी का पैसा पहले इन्हीं खातों में आता, फिर गैंग के कहने पर आगे ट्रांसफर कर दिया जाता।
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गिरोह का मास्टरमाइंड मो. समद अभी फरार है।
कार्रवाई में शामिल पुलिस टीम
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प्रभारी निरीक्षक देवेन्द्र प्रताप सिंह
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निरीक्षक विभा पांडेय
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का. एजाज खान
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का. सभाजीत मौर्य
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का. महिपाल यादव
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का. आलोक सिंह (सर्विलांस सेल)
इनकी संयुक्त मेहनत से एक बड़े साइबर नेटवर्क को ध्वस्त किया जा सका।
साइबर सुरक्षा अलर्ट — एक क्लिक में न करें भरोसा!
पुलिस ने लोगों से सावधान रहने की अपील की है।
ऐसे बचें .APK ठगी से—
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केवल अधिकृत ऐप स्टोर से ही ऐप डाउनलोड करें।
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अंजान लिंक से आए .APK फाइल कभी इंस्टॉल न करें।
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व्हाट्सऐप/सोशल मीडिया से आए ऐप लिंक तुरंत डिलीट करें।
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इंस्टॉलेशन में मांगी गई permissions को ध्यान से पढ़ें।
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संदिग्ध ऐप दिखे तो— तुरंत हटाएँ, मोबाइल को Safe Mode में चलाएँ, एंटी-वायरस स्कैन करें, ज़रूरत पड़े तो फैक्ट्री रीसेट करें..!
साइबर अपराध के खिलाफ आज़मगढ़ पुलिस का मजबूत कदम
डिजिटल युग में जब ठगी की तकनीक भी स्मार्ट होती जा रही है, आज़मगढ़ पुलिस की यह कार्रवाई न केवल अपराधियों के हौसले पस्त करती है, बल्कि जनता में साइबर जागरूकता भी बढ़ाती है।
फर्जी PM-KISAN ऐप के नाम पर चल रहा यह साइबर जाल तोड़कर पुलिस ने लाखों की ठगी को रोकते हुए यह साबित किया है कि सही समय पर की गई तकनीकी जांच और सटीक कार्रवाई से किसी भी साइबर गिरोह को पकड़ा जा सकता है। यह सिर्फ एक गिरफ्तारी नहीं, बल्कि साइबर सुरक्षा की दिशा में एक बड़ी जीत है।






