जज्बे की उड़ान: रोड जाम के बीच पैराग्लाइडिंग से एग्जाम सेंटर पहुंचे छात्र ने सबको किया हैरान!

जज्बे की उड़ान: रोड जाम के बीच पैराग्लाइडिंग से एग्जाम सेंटर पहुंचे छात्र ने सबको किया हैरान!

महाराष्ट्र के कोल्हापुर से एक दिलचस्प और प्रेरणादायक कहानी सामने आई है, जो मेहनत और लगन का प्रतीक बन गई है। यह कहानी है बी.कॉम. फर्स्ट ईयर के छात्र, 19 वर्षीय समर्थ की, जिन्होंने सड़क पर लगे जाम के बावजूद अपने एग्जाम सेंटर तक पहुंचने के लिए एक बेहतरीन तरीका अपनाया—पैराग्लाइडिंग!

समर्थ, जो पंचगनी में गन्ने का रस बेचने का काम करते हैं, एक दिन अपनी दुकान में इतने व्यस्त हो गए कि अपने एग्जाम को ही भूल बैठे। जैसे ही उन्हें अपने दोस्त से कॉल आई, उन्हें अहसास हुआ कि समय बेहद कम है और ट्रैफिक की वजह से एग्जाम सेंटर तक पहुंचना लगभग नामुमकिन हो गया था। लेकिन समर्थ ने घबराने के बजाय कुछ अलग ही सोचा।

समर्थ ने पास के पैराग्लाइडिंग प्रशिक्षक गोविंद येवाले से मदद मांगी। गोविंद जी ने एक पल की हिचकिचाहट के बाद समर्थ को अपनी पैराग्लाइडिंग का अवसर दिया। कुछ ही मिनटों में, समर्थ ने हवा में उड़कर केवल 5 मिनट में एग्जाम सेंटर के ऊपर पहुँचने में सफलता पाई। पायलट ने ग्लाइडर को कंट्रोल किया और स्कूल के मैदान में उतरते ही समर्थ दौड़ते हुए एग्जाम हाल की ओर बढ़े। वह बिल्कुल उसी समय पहुंचे जब प्रश्न पत्र बांटे जा रहे थे। और फिर, अपनी लगन और परिश्रम के साथ, उन्होंने अपनी परीक्षा दी।

समर्थ ने बाद में कहा, "मैं अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए काम करता हूं, लेकिन मेरी शिक्षा भी उतनी ही महत्वपूर्ण है।" इस अद्वितीय प्रयास ने साबित कर दिया कि जब हिम्मत और जज्बा मजबूत हो, तो कोई भी मुश्किल रास्ता रुकावट नहीं बन सकती।

यह कहानी न केवल युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक है, बल्कि यह हमें यह सिखाती है कि जीवन में शिक्षा के प्रति समर्पण और संघर्ष की कोई सीमा नहीं होती।

समर्थ की जज्बे की यह छलांग समाज में एक मिसाल बन गई है, और यह दिखाती है कि जब इंसान अपने लक्ष्य को पाने के लिए दृढ़ निश्चय से काम करता है, तो कुछ भी असंभव नहीं होता!