महाराष्ट्र में 'मराठी अस्मिता' की जंग! नगर निकाय चुनाव से पहले सियासी संग्राम तेज

मुंबई – महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों 'मराठी अस्मिता' सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा बन गई है। आगामी नगर निकाय चुनावों से पहले मराठी वोट बैंक पर पकड़ मजबूत करने के लिए सभी राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है। मराठी भाषा दिवस के अवसर पर भव्य आयोजनों के जरिए शिवसेना (यूबीटी), शिंदे गुट, बीजेपी और मनसे के बीच मराठी पहचान का असली ठेकेदार बनने की होड़ मच गई है।
ठाकरे बनाम शिंदे: मराठी युवाओं पर अन्याय का आरोप
शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि उनकी सरकार मराठी युवाओं के साथ अन्याय कर रही है और बाहरी लोगों को तवज्जो दे रही है। वहीं, राज ठाकरे ने भी अपने अंदाज में मराठी स्वाभिमान का मुद्दा उठाया।
बीजेपी का पलटवार: विपक्ष पर दोहरे रवैये का आरोप
बीजेपी ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि विपक्ष सिर्फ चुनावी फायदे के लिए मराठी कार्ड खेल रहा है, जबकि असल में उनकी सरकार ही मराठी संस्कृति और युवाओं के विकास के लिए काम कर रही है।
मराठी वोटों पर सबकी नजर, किसका होगा राज?
आगामी नगर निकाय चुनावों में मराठी वोटरों को रिझाने के लिए दलों में होड़ लगी हुई है। हर पार्टी खुद को मराठी अस्मिता का असली रक्षक साबित करने में जुटी है। अब देखना दिलचस्प होगा कि महाराष्ट्र की जनता किसके पक्ष में अपना फैसला सुनाती है।
???? क्या यह 'मराठी अस्मिता' की सच्ची लड़ाई है या सिर्फ चुनावी रणनीति? अपनी राय कमेंट में जरूर दें!