तेजस MK1A की पहली उड़ान में बस दो दिन: जानिए कब मिलेगा वायुसेना को यह ‘देसी बाज़’ जो बदलेगा आसमान का खेल!
— स्वदेशी ताकत का नया अध्याय, भारत की आसमान में गूंजेगी ‘तेजस’ की दहाड़
नई दिल्ली।
भारत की स्वदेशी रक्षा तकनीक अब एक और ऐतिहासिक छलांग लगाने जा रही है। देश में निर्मित ‘तेजस MK1A’ (Tejas MK1A) लड़ाकू विमान की पहली उड़ान में अब बस दो दिन बाकी हैं। हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के इंजीनियर और भारतीय वायुसेना के विशेषज्ञ पूरी तैयारी में जुटे हैं — क्योंकि यह उड़ान सिर्फ एक तकनीकी घटना नहीं, बल्कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ के आसमान में गूंजने वाला शंखनाद है।
क्या है ‘तेजस MK1A’?
तेजस MK1A, भारत में विकसित लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) का उन्नत संस्करण है, जो आधुनिक सेंसर, रडार, एवियोनिक्स और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम से लैस है। इसे पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से बनाया गया है, और इसका डिज़ाइन व नियंत्रण प्रणाली भारतीय रक्षा वैज्ञानिकों की वर्षों की मेहनत का नतीजा है।
इस विमान में लगाई गई ‘Active Electronically Scanned Array (AESA) रडार’, Beyond Visual Range (BVR) मिसाइल सिस्टम, और अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट इसे वायुसेना की रीढ़ बना देंगे।
तेजस MK1A के मिलने का पूरा शेड्यूल
HAL ने तेजस MK1A की डिलीवरी के लिए एक स्पष्ट टाइमलाइन तय की है—
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अक्टूबर 2025: पहली उड़ान
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दिसंबर 2025: प्रारंभिक परीक्षण और प्रमाणन चरण पूर्ण
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मार्च 2026: पहला तेजस MK1A वायुसेना को सौंपा जाएगा
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2026–2030: कुल 83 तेजस MK1A विमानों की डिलीवरी चरणबद्ध रूप से पूरी होगी
यह वही सौदा है, जिसकी घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्रालय ने की थी — जिसकी लागत लगभग ₹46,000 करोड़ रुपये है।
‘मेड इन इंडिया’ की नई पहचान
तेजस MK1A का निर्माण भारत के रक्षा उद्योग के लिए मील का पत्थर है। अब भारत न केवल अपनी सुरक्षा जरूरतों को पूरा करेगा, बल्कि भविष्य में इसे अन्य देशों को निर्यात करने की दिशा में भी आगे बढ़ रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह विमान भारत को उन देशों की कतार में ला खड़ा करेगा जो आधुनिक जेट विमान बनाने की क्षमता रखते हैं — जैसे अमेरिका, फ्रांस और रूस।
गर्व का पल
तेजस MK1A की उड़ान न केवल तकनीकी उपलब्धि है, बल्कि करोड़ों भारतीयों के आत्मविश्वास का प्रतीक है। यह उस ‘नए भारत’ का संकेत है जो अपने पंखों पर उड़ना जानता है।
“अब आसमान भी हमारा है —
क्योंकि उड़ान भी अपनी, और विमान भी अपना।”
तेजस MK1A – भारत की गर्जना, आत्मनिर्भरता की पहचान!






