दिल्ली बीएमडब्ल्यू हादसा: पटियाला हाउस कोर्ट से गगनप्रीत को मिली जमानत, पासपोर्ट जमा करने और हर सुनवाई में हाज़िरी की शर्त के साथ राहत

दिल्ली बीएमडब्ल्यू हादसा: पटियाला हाउस कोर्ट से गगनप्रीत को मिली जमानत, पासपोर्ट जमा करने और हर सुनवाई में हाज़िरी की शर्त के साथ राहत

दिल्ली की सड़कों पर हुए चर्चित बीएमडब्ल्यू दुर्घटना मामले में शुक्रवार को एक बड़ा मोड़ आया। पटियाला हाउस कोर्ट ने आरोपी महिला गगनप्रीत को राहत देते हुए जमानत मंजूर कर दी है। अदालत ने कहा कि आरोपी को 1 लाख रुपये के निजी मुचलके पर रिहा किया जाएगा, साथ ही दो अन्य जमानतकर्ताओं की शर्तें भी पूरी करनी होंगी।

कोर्ट की सख़्त शर्तें
जमानत मंजूरी के साथ ही अदालत ने स्पष्ट किया कि गगनप्रीत को अपना पासपोर्ट जमा करना होगा और प्रत्येक सुनवाई के दौरान अदालत में उपस्थित रहना अनिवार्य होगा।

यह फैसला उस समय आया, जब आरोपी की ओर से स्वास्थ्य और पारिवारिक परिस्थितियों का हवाला देते हुए जमानत याचिका दायर की गई थी। अदालत ने गुरुवार, 25 सितंबर को सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था, जिसे अब सुनाया गया।

CCTV फुटेज और पुलिस की आपत्तियाँ
सुनवाई के दौरान अदालत ने घटना से संबंधित CCTV फुटेज भी देखी। इस पर दिल्ली पुलिस ने अपनी दलील में कहा कि दुर्घटना के बाद घायल व्यक्ति को न्यू लाइफ नर्सिंग होम ले जाया गया, जबकि पास ही कई बड़े स्पेशियलिटी अस्पताल मौजूद थे। पुलिस ने तर्क दिया कि उचित और समय पर इलाज न मिलने से स्थिति और गंभीर हो गई।

बचाव पक्ष की दलीलें
गगनप्रीत के वकील ने अदालत में कहा कि आरोपी ने घटना के बाद घायल अपने पति को अकेला नहीं छोड़ा बल्कि तुरंत अस्पताल पहुंचाया। वकील ने यह भी तर्क दिया कि यदि किसी भी मददगार को इस तरह आरोपों का सामना करना पड़ेगा, तो भविष्य में कोई भी इंसान सड़क हादसे के पीड़ित की सहायता करने से कतराएगा। उन्होंने बताया कि घटना के तुरंत बाद PCR को कॉल भी की गई थी और कॉल रिकॉर्ड पुलिस को सौंप दिया गया है।

साथ ही उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि गगनप्रीत ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय गाइडलाइन का पूरी तरह पालन किया और पीड़ित को त्वरित सहायता पहुंचाने का प्रयास किया।

 इस जमानत आदेश के बाद एक ओर आरोपी पक्ष ने राहत की सांस ली है, तो दूसरी ओर यह मामला फिर से सड़क सुरक्षा, कानून व्यवस्था और इंसानियत पर गहन बहस को जन्म देता दिख रहा है।