COVID-19 संक्रमण से बदल सकते हैं पुरुषों के शुक्राणु, नई संतानों में चिंता और दिमागी बदलाव का खतरा

COVID-19 संक्रमण से बदल सकते हैं पुरुषों के शुक्राणु, नई संतानों में चिंता और दिमागी बदलाव का खतरा

नवीनतम शोध से पता चला है कि COVID-19 संक्रमण पुरुष चूहों के शुक्राणु में RNA परिवर्तन कर सकता है, जिससे उनकी आने वाली संतानों में चिंता और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ सकती हैं। यह अध्ययन महामारी के पीढ़ीगत प्रभाव को उजागर करता है।

शोध के प्रमुख निष्कर्ष:

  • संक्रमित पुरुष चूहों के शुक्राणु में जीन स्तर पर बदलाव हुआ।

  • प्रभावित मादाओं में हिप्पोकैंपस जीन बदल गए, जो दिमागी विकास और मानसिक संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

  • यह परिवर्तन एपिजेनेटिक इनहेरिटेंस के माध्यम से अगली पीढ़ी में स्थानांतरित होता है।

इंसानों पर असर:
वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर यही प्रक्रिया मानव संतानों में भी होती है, तो लाखों बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ सकता है। हालांकि, इंसानों पर और अनुसंधान की आवश्यकता है।

विश्लेषकों की चेतावनी:
वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि COVID-19 सिर्फ एक मौसमी संक्रमण नहीं रहा, बल्कि इसका पीढ़ीगत प्रभाव भी हो सकता है। यह शोध माता-पिता और स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए सावधानी और जागरूकता का संदेश देता है। COVID-19 का प्रभाव अब सिर्फ वर्तमान पीढ़ी तक सीमित नहीं रह गया। इसके पीढ़ीगत असर से नई संतानों की मानसिक और शारीरिक स्थिति पर गहरा असर पड़ सकता है। इस दिशा में त्वरित और विस्तृत अध्ययन की सख्त जरूरत है।