बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की 135वीं जयंती पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने अर्पित की श्रद्धांजलि

बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की 135वीं जयंती पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने अर्पित की श्रद्धांजलि

नई दिल्ली, 14 अप्रैल 2025 — संविधान निर्माता, महान समाज सुधारक और भारत रत्न डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर की 135वीं जयंती पर आज राष्ट्र भर में श्रद्धांजलि और सम्मान के भाव से विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए। राजधानी दिल्ली स्थित संसद भवन परिसर के लॉन में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु, उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सहित देश के कई गणमान्य व्यक्तियों ने बाबासाहेब की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया।

यह कार्यक्रम केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के तत्वावधान में डॉ. अंबेडकर फाउंडेशन (डीएएफ) द्वारा आयोजित किया गया। लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला, केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार, राज्य मंत्री श्री बी.एल. वर्मा, विभागीय सचिव श्री अमित यादव सहित सांसदों, मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में यह आयोजन गरिमामय वातावरण में संपन्न हुआ।

पुष्पांजलि समारोह के पश्चात कार्यक्रम को आम जनता के लिए खोला गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने संसद परिसर के प्रेरणा स्थल पर पहुंचकर डॉ. अंबेडकर की आदमकद प्रतिमा के समक्ष श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर बौद्ध भिक्षुओं द्वारा मंत्रोच्चार किया गया और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के कलाकारों ने बाबा साहब को समर्पित गीत प्रस्तुत किए, जिससे वातावरण पूर्णतः श्रद्धामय हो उठा।

बाबासाहेब डॉ. अंबेडकर को एक प्रखर बुद्धिजीवी, मानवतावादी, संविधान के निर्माता और सामाजिक समरसता के अग्रदूत के रूप में जाना जाता है। उनका जीवन वंचितों और शोषितों को न्याय दिलाने की सतत प्रेरणा रहा है। वे केवल एक नेता नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन के प्रतीक हैं।

इस अवसर पर डॉ. अंबेडकर फाउंडेशन और डॉ. अंबेडकर राष्ट्रीय स्मारक (डीएएनएम) की भूमिका और योगदान को भी रेखांकित किया गया। डीएएफ के माध्यम से बाबासाहेब के विचारों को जन-जन तक पहुँचाने के लिए विविध कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जबकि डीएएनएम में उनके जीवन, संघर्ष और योगदान से जुड़ी धरोहरों को संरक्षित और प्रदर्शित किया गया है।

देशभर में आज विभिन्न राज्यों, संस्थानों और संगठनों द्वारा रैलियाँ, विचार गोष्ठियाँ, सांस्कृतिक कार्यक्रम, संविधान पठन और सेवा कार्यों के माध्यम से डॉ. अंबेडकर की जयंती मनाई गई। यह दिन सामाजिक न्याय, समता और बंधुत्व के सिद्धांतों को पुनः स्मरण करने और उन्हें अपने जीवन में आत्मसात करने की प्रेरणा देता है।