अमेठी में सरकारी लूट! समाज कल्याण अधिकारी ने जबरन ट्रांसफर कराए ₹40,000, सरकार ने लिया सख्त एक्शन

अमेठी। सरकारी विभाग में एक और बड़ा भ्रष्टाचार उजागर! समाज कल्याण विभाग के जिला अधिकारी मनोज कुमार शुक्ला पर अपने ही कर्मचारी से जबरदस्ती ₹40,000 ट्रांसफर कराने का सनसनीखेज आरोप लगा है। इस घोटाले का पर्दाफाश होते ही योगी सरकार ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी अधिकारी को निलंबित कर दिया है। समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण के निर्देश पर गौरीगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है, जिससे पूरे प्रशासनिक गलियारों में हलचल मच गई है।
कैसे हुआ सरकारी धन का खेल?
26 दिसंबर 2024 को समाज कल्याण विभाग के प्रधान सहायक गोकुल प्रसाद से जबरदस्ती ₹40,000 ट्रांसफर कराए गए। आरोप है कि जिला समाज कल्याण अधिकारी मनोज कुमार शुक्ला ने कर्मचारी का मोबाइल लेकर UPI पासवर्ड डाला और अपनी पत्नी के खाते में पैसा ट्रांसफर करवा लिया। जब डिजिटल साक्ष्यों और बैंक स्टेटमेंट की जांच हुई तो पूरे घोटाले की परतें खुल गईं।
जांच रिपोर्ट (20 मार्च और 30 मार्च 2025) में इस भ्रष्टाचार की पुष्टि हो चुकी है। पहले आरोपी अधिकारी ने खुद को निर्दोष बताया, लेकिन पक्के डिजिटल सबूतों के आगे उसकी कोई दलील नहीं चली।
सरकार की सख्त कार्रवाई—निलंबन और मुकदमा दर्ज!
इस घोटाले के सामने आते ही योगी सरकार ने बिना देर किए जिला समाज कल्याण अधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। साथ ही प्रधान सहायक गोकुल प्रसाद जायसवाल को भी निलंबन झेलना पड़ा, क्योंकि अधिकारी ने उल्टा उनके खिलाफ रिश्वतखोरी के आरोप लगाए और एक कथित वीडियो भी सौंपा है।
समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण के कड़े रुख के चलते आरोपी अधिकारी पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 309(4), आईटी एक्ट की धारा 66D और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ योगी सरकार का एक्शन मोड
समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने साफ कहा—
????️ "मा. मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। विभागीय अधिकारी हर शिकायत को गंभीरता से लेते हैं। दोषी कोई भी हो, बख्शा नहीं जाएगा।"
क्या समाज कल्याण विभाग में छिपे हैं और भी बड़े घोटाले?
इस घटनाक्रम ने अमेठी में हड़कंप मचा दिया है। लोग अब यह सवाल उठा रहे हैं कि क्या यह भ्रष्टाचार की सिर्फ एक कड़ी थी, या फिर समाज कल्याण विभाग में बड़े घोटाले दफन हैं?
प्रशासन पर अब भारी दबाव है कि इस मामले में जल्द से जल्द कड़ी कार्रवाई करे और सरकारी धन के लुटेरों को सलाखों के पीछे भेजे। जनता की नजरें अब इस भ्रष्टाचार के खिलाफ उठने वाले अगले कदम पर टिकी हैं! ????