बोधगया में 11वें दिन भी जारी आमरण अनशन! महाबोधि महाविहार की मुक्ति की गूंज देशभर में, हजारों समर्थक पहुंचे आंदोलन स्थल

बोधगया | 22 फरवरी 2025 – भगवान बुद्ध की ज्ञानस्थली महाबोधि महाविहार को गैर-बौद्धों के कब्जे से मुक्त कराने के लिए बौद्ध भिक्षुओं का आमरण अनशन 11वें दिन भी जारी है। लेकिन सरकार अब तक मौन बनी हुई है, जबकि आंदोलनकारियों की स्वास्थ्य स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है।
महाबोधि महाविहार: क्यों हो रहा है ऐतिहासिक आंदोलन?
बौद्ध भिक्षुओं और अनुयायियों का कहना है कि महाबोधि मंदिर पर ब्राह्मण महंत का कब्जा अन्यायपूर्ण है और इसे बौद्ध समुदाय को सौंपा जाना चाहिए। आंदोलनकारियों का आरोप है कि बोधगया टेंपल मैनेजमेंट कमेटी (BTMC) उनकी मांगों को कुचलने के लिए लगातार षड्यंत्र रच रही है।
आंदोलन स्थल पर दबाव बनाने के लिए उठाए गए कदम –
फायर ब्रिगेड की गाड़ी को बार-बार आंदोलन स्थल के सामने खड़ा किया जा रहा है, जिससे प्रदर्शन को दबाया जा सके।
आंदोलन स्थल पर जुट रही भीड़ को रोकने के लिए प्रशासन मौन है।
बौद्ध भिक्षुओं के स्वास्थ्य पर भी ध्यान नहीं दिया जा रहा, जिससे गंभीर हालात पैदा हो सकते हैं।
देशभर से मिल रहा है आंदोलन को समर्थन!
इस आंदोलन को समर्थन देने के लिए हजारों लोग बोधगया पहुंच रहे हैं। महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार, तेलंगाना और अन्य राज्यों से बौद्ध अनुयायी आंदोलन स्थल पर जुट रहे हैं।
भारतीय राष्ट्रीय पार्टी ने दिया समर्थन, आर.पी. मौर्य ने किया बड़ा ऐलान!
आज भारतीय राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष आर.पी. मौर्य आंदोलन स्थल पहुंचे और खुलकर समर्थन किया। उन्होंने कहा –
❝ महाबोधि महाविहार पर ब्राह्मण महंत का क्या काम? यह पवित्र स्थल बौद्ध समुदाय की आस्था का केंद्र है और इसे तुरंत बौद्ध भिक्षुओं को सौंपा जाना चाहिए। ❞
आर.पी. मौर्य ने SC, ST, OBC और बौद्ध समाज से आह्वान किया कि वे हजारों की संख्या में आंदोलन स्थल पहुंचें और इस ऐतिहासिक आंदोलन का हिस्सा बनें।
भिक्षु ज्ञानज्योति महाथेरा महाराष्ट्र से पहुंचे, बोले – ‘बौद्धों की अमूल्य धरोहर पर गैर-बौद्धों का कब्जा स्वीकार नहीं!’
महाराष्ट्र से भिक्षु ज्ञानज्योति महाथेरा भी सैकड़ों अनुयायियों के साथ आंदोलन स्थल पहुंचे और कहा कि –
???? महाबोधि महाविहार बौद्धों की विश्व धरोहर है, इसे गैर-बौद्धों के कब्जे से तुरंत मुक्त कराया जाए।
???? BTMC एक्ट 1949 को खत्म कर नए एक्ट के तहत बौद्धों को ही मैनेजमेंट सौंपा जाए।
???? सरकार इस मामले में चुप क्यों है?
गोरखनाथ परंपरा के योगी सूरज नाथ का भी समर्थन!
गोरखनाथ परंपरा के योगी सूरज नाथ ने भी इस आंदोलन का समर्थन किया। उन्होंने कहा –
❝ भारत बुद्ध, सिद्ध और नाथ परंपरा की भूमि है, वैदिक पौराणिक परंपरा से इसका कोई लेना-देना नहीं। महाबोधि महाविहार पर सिर्फ बौद्धों का अधिकार होना चाहिए। ❞
महंत संजय मिश्रा पर गंभीर आरोप, बौद्ध विरासत को बर्बाद करने का षड्यंत्र!
आंदोलनकारियों ने BTMC के महंत संजय मिश्रा पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
???? भगवान बुद्ध की मूर्तियों को छुपाने का आरोप।
???? बुद्ध की प्रतिमाओं को पांडव कहने की साजिश!
???? आंदोलन को खत्म करने के लिए पुलिस और प्रशासन का दुरुपयोग।
विलास खरात ने संजय मिश्रा को ‘बौद्ध विरोधी और देशद्रोही’ करार दिया और कहा कि –
❝ महाबोधि महाविहार को ब्राह्मण मंदिर बनाने की साजिश हो रही है। सरकार को इसे रोकना होगा! ❞
आंदोलन और तेज होगा! ‘अब आर-पार की लड़ाई’
???? आंदोलनकारी डटे हुए हैं, सरकार की चुप्पी से नाराज!
???? हजारों लोग समर्थन में पहुंच रहे हैं, अब यह आंदोलन राष्ट्रीय स्तर पर गूंजेगा।
???? अगर जल्द फैसला नहीं लिया गया, तो आंदोलन और उग्र होगा!
अब सवाल सरकार से – कब मिलेगी न्याय?
✅ क्या सरकार बौद्ध भिक्षुओं की मांग पर ध्यान देगी?
✅ कब तक महाबोधि महाविहार पर गैर-बौद्धों का कब्जा बना रहेगा?
✅ क्यों सरकार बौद्ध धरोहर की रक्षा के लिए आगे नहीं आ रही?
???? इस आंदोलन पर देशभर की नजरें टिकी हुई हैं। क्या सरकार इस ऐतिहासिक अन्याय को खत्म करेगी, या बौद्ध भिक्षुओं को यूं ही संघर्ष करना पड़ेगा?
???? आप इस मुद्दे पर क्या सोचते हैं? अपनी राय हमें कमेंट में बताएं!