जिसने लाखों ज़िंदगियों को बचाया — डॉ. ब्लमबर्ग की खोज को सलाम

जिसने लाखों ज़िंदगियों को बचाया — डॉ. ब्लमबर्ग की खोज को सलाम

 28 जुलाई: विश्व हेपेटाइटिस दिवस | विज्ञान, सेवा और समर्पण का प्रतीक दिन

28 जुलाई 1925 को जन्मे डॉ. बरूच सैमुएल ब्लमबर्ग — एक ऐसा नाम जिसने मानवता को घातक बीमारी हेपेटाइटिस बी से बचाने की दिशा में क्रांतिकारी खोज की।

 उन्होंने हेपेटाइटिस बी वायरस की पहचान की और इसके लिए टीका (वैक्सीन) विकसित किया। इस अभूतपूर्व योगदान के लिए उन्हें 1976 में चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया।

 इस महान वैज्ञानिक की याद और उनकी अमूल्य सेवा को नमन करते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 28 जुलाई को "विश्व हेपेटाइटिस दिवस" के रूप में समर्पित किया।


डॉ. ब्लमबर्ग की खोज ने न केवल लाखों लोगों की जान बचाई, बल्कि एक वैश्विक स्वास्थ्य संकट को नियंत्रित करने की दिशा भी दी।

 आज जब दुनिया हेपेटाइटिस के खिलाफ जागरूकता बढ़ा रही है, टीकाकरण अभियान चला रही है और इलाज उपलब्ध करा रही है — तो उसके पीछे एक ही प्रेरणा है:
डॉ. ब्लमबर्ग का विज्ञान के प्रति समर्पण और इंसानियत के प्रति प्रेम।


 आइए, आज के दिन हम न केवल उनके योगदान को याद करें, बल्कि यह भी संकल्प लें कि हम हेपेटाइटिस जैसे रोगों के खिलाफ जागरूकता फैलाएं और समाज को सुरक्षित बनाएं।