अहिल्यानगर से किसानों के सशक्तिकरण का बिगुल: अमित शाह ने चीनी मिल विस्तार का किया लोकार्पण, सहकारिता आंदोलन के पुरोधाओं को दी श्रद्धांजलि

अहिल्यानगर से किसानों के सशक्तिकरण का बिगुल: अमित शाह ने चीनी मिल विस्तार का किया लोकार्पण, सहकारिता आंदोलन के पुरोधाओं को दी श्रद्धांजलि

अहिल्यानगर (महाराष्ट्र)।
किसानों और सहकारिता आंदोलन को मज़बूती देने की दिशा में आज का दिन ऐतिहासिक बन गया। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने महाराष्ट्र के अहिल्यानगर (पूर्व में अहमदनगर) स्थित डॉ. विट्ठलराव विखे पाटिल सहकारी चीनी कारखाने की विस्तारित क्षमता का लोकार्पण किया और सहकारिता आंदोलन के दो महानायकों — पद्मश्री डॉ. विट्ठलराव विखे पाटिल तथा पद्मभूषण डॉ. बालासाहेब विखे पाटिल की प्रतिमाओं का अनावरण किया।

इस अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री अजित पवार, और केन्द्रीय सहकारिता राज्यमंत्री मुरलीधर मोहोल सहित अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।


“शिवाजी महाराज के अनुयायी ही रखते हैं नाम बदलने की ताकत”

कार्यक्रम में श्री शाह ने कहा कि —

“शिवाजी महाराज के अनुयायी ही औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर और अहमदनगर का नाम अहिल्यानगर रख सकते हैं, औरंगजेब के अनुयायियों में इतनी हिम्मत नहीं है।”

उनका यह बयान किसानों की गूंज के बीच तालियों से स्वागत पाता रहा।


विखे पाटिल परिवार: सहकारिता आंदोलन का स्तंभ

श्री शाह ने कहा कि सहकारिता आंदोलन का इतिहास लिखने में विट्ठलराव विखे पाटिल का योगदान अविस्मरणीय है।

  • पद्मश्री विट्ठलराव विखे पाटिल ने दुनिया की पहली सहकारी चीनी मिल की शुरुआत की, जिसने व्यापारियों के बजाय किसानों को चीनी उद्योग का वास्तविक मालिक बनाया।

  • उनके सुपुत्र डॉ. बालासाहेब विखे पाटिल ने शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास के क्षेत्रों में कोऑपरेटिव मुनाफे से विकास की नई परंपरा शुरू की।

  • शाह ने कहा कि इन विभूतियों की विरासत आज भी किसानों को आत्मनिर्भरता और सहयोग की ताकत देती है।


चीनी मिल की क्षमता में क्रांतिकारी बढ़ोतरी

1950-51 में स्थापित इस चीनी मिल की क्षमता उस समय 500 टन गन्ना प्रतिदिन थी, जो आज बढ़कर 7200 टन प्रतिदिन हो गई है। आने वाले वर्षों में यह क्षमता 15,000 टन प्रतिदिन तक पहुँचेगी।

  • अल्कोहल डिस्टिलेशन प्लांट: 15 KLPD से बढ़कर 92 KLPD, अब 240 KLPD तक विस्तार की मंज़ूरी।

  • इथेनॉल संयंत्र: 20 KLPD से बढ़कर 150 KLPD।

  • बायोगैस प्लांट: 12,000 m³/दिन से बढ़कर 30,000 m³/दिन।

  • कोजेनेरेशन पावर प्लांट: 30 MW से बढ़कर 68 MW।

यह विस्तार न केवल उत्पादन क्षमता को दोगुना करेगा, बल्कि किसानों की आमदनी को भी नई ऊँचाइयों पर ले जाएगा।


मोदी सरकार की किसान-केंद्रित नीतियाँ

श्री शाह ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में सहकारी क्षेत्र ने नई गति पकड़ी है।

  • चीनी मिलों की संख्या में 67 की वृद्धि हुई।

  • चीनी उत्पादन में 10 लाख मीट्रिक टन की बढ़ोत्तरी

  • इथेनॉल उत्पादन क्षमता 5 गुना, आपूर्ति 10 गुना बढ़ी।

  • पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण 20% तक पहुँचा।

  • किसानों का ₹10,000 करोड़ से अधिक का आयकर माफ

  • शीरा पर जीएसटी 28% से घटाकर 5% किया गया।

इसके अलावा वर्षा से प्रभावित महाराष्ट्र के किसानों के लिए केंद्र ने 3,132 करोड़ रुपये और राज्य सरकार ने 2,215 करोड़ रुपये का राहत पैकेज दिया। 31 लाख से अधिक किसानों को ₹10,000 नकद और 35 किलो खाद्यान्न उपलब्ध कराया गया।


भविष्य की दिशा: मल्टी-डायमेंशनल सहकारी मिलें

अमित शाह ने चीनी मिलों से आह्वान किया कि वे केवल गन्ना पेराई तक सीमित न रहकर मल्टी-फीड इथेनॉल, फ्रोज़न सब्ज़ियाँ, फल प्रसंस्करण, जूस और फ्रूट पल्प के उत्पादन की दिशा में भी कदम बढ़ाएँ। उन्होंने कहा कि इसके लिए NAFED और NCCF जैसे संगठनों से अनुबंध किए जा सकते हैं और आवश्यक वित्तीय सहायता NCDC द्वारा दी जाएगी।


 किसानों के लिए नई सुबह

अहिल्यानगर से उठी यह नई सहकारिता की लौ केवल महाराष्ट्र ही नहीं, बल्कि पूरे देश के किसानों के लिए एक प्रेरणा है। डॉ. विट्ठलराव और डॉ. बालासाहेब विखे पाटिल की विरासत आज प्रधानमंत्री मोदी और सहकारिता मंत्री अमित शाह की पहल से और मज़बूत हो रही है।

यह केवल चीनी उत्पादन की कहानी नहीं है, यह किसान समृद्धि, ग्रामीण विकास और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में क्रांतिकारी कदम है।