वीरता की नई उड़ान: भारतीय सेना रवाना हुई ‘ऑस्ट्राहिंद 2025’ के लिए, ऑस्ट्रेलिया की धरती पर दिखाएगी शौर्य और रणनीतिक कौशल

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वीरता की नई उड़ान: भारतीय सेना रवाना हुई ‘ऑस्ट्राहिंद 2025’ के लिए, ऑस्ट्रेलिया की धरती पर दिखाएगी शौर्य और रणनीतिक कौशल

भारत की वीर संतानों ने एक बार फिर इतिहास रचने की तैयारी कर ली है। भारतीय सेना की 120 जवानों की टुकड़ी ‘ऑस्ट्राहिंद 2025’ नामक भारत-ऑस्ट्रेलिया संयुक्त सैन्य अभ्यास में भाग लेने के लिए ऑस्ट्रेलिया के पर्थ स्थित इरविन बैरक के लिए रवाना हो चुकी है। यह अभ्यास 13 से 26 अक्टूबर 2025 तक आयोजित होगा और यह इसका चौथा संस्करण है।

इस विशेष टुकड़ी का नेतृत्व भारतीय सेना की शूरवीर गोरखा राइफल्स की एक बटालियन कर रही है, जिसमें अन्य टुकड़ियों के चयनित जवान भी शामिल हैं। ये योद्धा न केवल भारत की सैन्य ताकत का प्रतिनिधित्व करेंगे, बल्कि भारतीय अनुशासन, समर्पण और पराक्रम की अमिट छाप भी ऑस्ट्रेलियाई धरती पर छोड़ेंगे।

‘ऑस्ट्राहिंद 2025’ का उद्देश्य दोनों देशों की सेनाओं के बीच रक्षा सहयोग को और प्रगाढ़ बनाना है। इस दौरान सैनिक शहरी और अर्ध-शहरी इलाकों में उप-पारंपरिक युद्ध के परिदृश्यों में अपनी रणनीतियों, तकनीकों और प्रक्रियाओं का आदान-प्रदान करेंगे। अभ्यास का फोकस कंपनी-स्तर के संयुक्त परिचालन पर रहेगा, जिसमें सामरिक योजना, विशेष हथियारों का प्रयोग, सामूहिक प्रशिक्षण और विविध मिशनों का संचालन प्रमुख रूप से शामिल होगा।

यह अभ्यास भारतीय और ऑस्ट्रेलियाई सेनाओं को वास्तविक युद्ध जैसी परिस्थितियों में एक साथ संचालन की दक्षता बढ़ाने का अवसर देगा। इसके माध्यम से दोनों सेनाएं उभरती प्रौद्योगिकियों के समेकन का भी परीक्षण करेंगी, जिससे उनकी संचालनात्मक क्षमताओं में नए आयाम जुड़ेंगे।

रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इस अभ्यास से भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सैन्य साझेदारी को नई गति मिलेगी। यह न केवल सामरिक स्तर पर सहयोग को मजबूत करेगा बल्कि दोनों देशों के बीच आपसी सौहार्द, समन्वय और विश्वास की भावना को भी नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।

भारतीय सेना की यह यात्रा केवल एक सैन्य अभ्यास नहीं, बल्कि यह ‘मैत्री, वीरता और वैश्विक सहयोग’ का प्रतीक है—जहाँ सीमाएं नहीं, बल्कि साझा सुरक्षा और सम्मान का संदेश दिया जाता है।