गोरखपुर-वाराणसी हाईवे पर दर्दनाक हादसा — तेज रफ्तार ट्रेलर ने कुचला अधेड़, घटनास्थल पर ही मौत
- गोरखपुर। संवाददाता – नरसिंह यादव, क्राइम रिपोर्टर, गोरखपुर उत्तर प्रदेश।
गोरखपुर-वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग पर गुरुवार की सुबह उस वक्त हृदयविदारक दृश्य देखने को मिला, जब तेज रफ्तार ट्रेलर की चपेट में आने से एक अधेड़ की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। सड़क किनारे खून से लथपथ शव देखकर राहगीरों के कदम रुक गए और पूरे क्षेत्र में सन्नाटा पसर गया।
सुबह की शांति को तोड़ गया चीखों का शोर
गगहा थाना क्षेत्र के करवल मझगांवा स्थित करवल माता मंदिर के पास यह हादसा उस समय हुआ जब ग्राम अतायर निवासी ज्ञानप्रकाश (उम्र 52 वर्ष) हर दिन की तरह सुबह दूध देने के लिए घर से निकले थे। प्रतिदिन की तरह वे साइकिल से हाईवे पार कर रहे थे कि तभी बड़हलगंज की ओर से आ रही तेज रफ्तार ट्रेलर ने उन्हें जोरदार टक्कर मार दी।
ट्रेलर इतनी तेज थी कि ज्ञानप्रकाश को संभलने का मौका तक नहीं मिला — पलभर में सड़क पर तड़पते हुए उन्होंने दम तोड़ दिया। राहगीरों ने जब तक कुछ समझा, तब तक ट्रेलर चालक गाड़ी लेकर भागने लगा।
गांव में पसरा मातम, पुलिस ने दौड़ाकर पकड़ा ट्रेलर
घटना की सूचना मिलते ही गगहा थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस ने कुछ दूरी पर स्थित एक पेट्रोल पंप के पास ट्रेलर को रोककर चालक को हिरासत में ले लिया।
इधर हादसे की खबर मिलते ही गांव में मातम छा गया। परिजनों की चीख-पुकार से माहौल गमगीन हो उठा। सैकड़ों ग्रामीण घटनास्थल पर जमा हो गए। लोग हादसे की निंदा करते हुए ट्रेलर चालक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करने लगे।
तेज रफ्तार का कहर बना काल, प्रशासन से सख़्त कार्रवाई की मांग
ग्रामीणों का कहना है कि गोरखपुर-वाराणसी हाईवे पर ट्रेलर और भारी वाहनों की बेकाबू रफ्तार आए दिन जानलेवा साबित हो रही है। आए दिन हादसे हो रहे हैं, लेकिन गति पर नियंत्रण के पुख्ता इंतज़ाम नहीं हैं।
लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि हाईवे पर स्पीड ब्रेकर और चेतावनी संकेत लगाए जाएं तथा रात-दिन पेट्रोलिंग बढ़ाई जाए ताकि भविष्य में किसी और की जान यूँ न जाए।
एक परिवार की खुशियाँ सड़क पर बिखर गईं
ज्ञानप्रकाश अपने पीछे पत्नी, बेटा और बेटी समेत भरा-पूरा परिवार छोड़ गए। उनकी रोजमर्रा की दिनचर्या साधारण थी, लेकिन गुरुवार की सुबह उनके परिवार के लिए एक कभी न भरने वाला घाव बन गई।
यह हादसा सिर्फ एक परिवार की नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र की आंखें नम कर गया। सवाल वही है — कब थमेगी यह रफ्तार की रौद्रगाथा, और कब सुरक्षित होंगे हमारे रास्ते?






