बेसहारा के लिए सहारा बने समाजसेवी कृष्णमुरारी राय
नई उम्मीद संस्था की दसवीं वर्षगांठ पर मानवता और संवेदना का प्रेरक संगम
गोरखपुर।
सेवा, समर्पण और संवेदना की मिसाल पेश करते हुए नई उम्मीद स्वयंसेवी संस्था ने अपनी दसवीं वर्षगांठ के अवसर पर नॉर्मल परिसर स्थित मानसिक मंदित आश्रय गृह में एक भावपूर्ण एवं प्रेरक कार्यक्रम का आयोजन किया। यह आयोजन न केवल संस्था की दशक भर की सामाजिक यात्रा का उत्सव था, बल्कि समाज के वंचित वर्ग के प्रति मानवीय जिम्मेदारी का सशक्त संदेश भी।

कार्यक्रम के विशेष क्षण में समाजसेवी कृष्णमुरारी राय को नई उम्मीद संस्था की सदस्यता ग्रहण कराई गई। इस अवसर पर उन्होंने संस्था के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सामाजिक कार्य करते रहने का दृढ़ संकल्प व्यक्त किया। उनके जुड़ाव से संस्था को नई ऊर्जा और दिशा मिलने की उम्मीद जताई गई। मानवता की भावना को और सशक्त करते हुए समाजसेवी कृष्णमुरारी राय एवं मुकेश श्रीवास्तव के सहयोग से आश्रय गृह में रह रहे 50 मानसिक मंदित बच्चों एवं बच्चियों को स्वेटर तथा अल्पाहार सामग्री का वितरण किया गया। बच्चों के चेहरों पर खिली मुस्कान ने कार्यक्रम को भावनात्मक ऊंचाई प्रदान की।
इस अवसर पर नई उम्मीद संस्था के सक्रिय सदस्य मुकेश श्रीवास्तव के पिता की पुण्यतिथि भी श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाई गई। उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उपस्थित जनों ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी। संस्था की दसवीं वर्षगांठ पर आयोजित इस कार्यक्रम में अध्यक्ष रजनीश श्रीवास्तव, महासचिव मारकंडेय मणि त्रिपाठी, ज्ञानेंद्र ओझा, के. एम. राय, ब्रजेश सिंह, मनीष सिन्हा, पंकज पाण्डेय, डॉ. मुकेश श्रीवास्तव, देवी शरण गुप्ता, ज्ञान प्रकाश तिवारी, रूचि राय, प्रिया शुक्ला, शिवेंद्र उपाध्याय, पुष्पराज दूबे, सत्य प्रकाश श्रीवास्तव (एडवोकेट), नन्दलाल सहित अनेक गणमान्य लोगों का सराहनीय योगदान रहा।
कार्यक्रम ने यह स्पष्ट संदेश दिया कि जब समाज के संवेदनशील लोग आगे आते हैं, तो बेसहारा भी उम्मीद के साथ जीवन की नई राह देख पाते हैं। नई उम्मीद संस्था का यह दशक भर का सफर समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बना हुआ है।






