केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने विद्युत अधिनियम, 2003 के अंतर्गत केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण विनियमों के सार-संग्रह का शुभारंभ किया

केंद्रीय मंत्री  मनोहर लाल ने विद्युत अधिनियम, 2003 के अंतर्गत केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण विनियमों के सार-संग्रह का शुभारंभ किया

केंद्रीय विद्युत और आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री श्री मनोहर लाल ने आज विद्युत अधिनियम, 2003 के अंतर्गत केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) द्वारा अधिसूचित विनियमों के सार-संग्रह का शुभारंभ किया। नई दिल्ली में आयोजित हुआ यह कार्यक्रम भारत में एक विश्वसनीय, कुशल एवं टिकाऊ विद्युत क्षेत्र तैयार करने हेतु चल रहे प्रयासों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के नियम देश भर में बिजली के उत्पादन, संचरण, वितरण और व्यापार के लिए एक सशक्त ढांचा प्रदान करते हैं। ये नियम ग्रिड स्थिरता सुनिश्चित करने, कुशल संसाधन उपयोग को बढ़ावा देने, ऊर्जा संचालन में सुरक्षा मानकों को बनाए रखने तथा राष्ट्रीय ग्रिड में अक्षय ऊर्जा के एकीकरण को सुविधाजनक बनाने में महत्वपूर्ण हैं। इस संग्रह में तकनीकी मानकों, सुरक्षा उपायों, ग्रिड कनेक्टिविटी और कुछ अन्य सहित कई विषयों को शामिल किया गया है, जो भारत के ऊर्जा क्षेत्र की उभरती जरूरतों को दर्शाता है।

केंद्रीय मंत्री श्री मनोहर लाल ने इस अवसर पर अपने संबोधन में केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण नियमों के इस संग्रह का विमोचन भारत में विद्युत क्षेत्र के लिए पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस संग्रह में शामिल प्रावधान ही इन नियमों में एकरूपता लाएंगे और बिजली क्षेत्र के हितधारकों द्वारा अनुपालन में आसानी के लिए एक ही स्थान पर सूचना का एक केंद्रीकृत व आसानी से सुलभ स्रोत प्रदान करेंगे।

केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण विनियमन संग्रह की मुख्य विशेषताएं:

  1. ग्रिड मानक:

विद्युत ग्रिड के संचालन और रखरखाव को नियंत्रित करने वाला एक ढांचा स्थापित करता है, जिसमें वोल्टेज, आवृत्ति तथा प्रणालीगत सुरक्षा के लिए मानक के साथ ही विविध ऊर्जा स्रोतों का एकीकरण शामिल है।

  1. ग्रिड कनेक्टिविटी के लिए तकनीकी मानक:

नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों सहित जनरेटिंग स्टेशनों को ग्रिड से जोड़ने के लिए तकनीकी आवश्यकताओं को निर्धारित करता है, जिससे अक्षय ऊर्जा की स्थिरता और सुचारू एकीकरण सुनिश्चित होता है।

  1. सुरक्षा एवं विद्युत आपूर्ति उपाय:

बिजली के उत्पादन, संचरण और वितरण के दौरान जनता, श्रमिकों व उपकरणों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दिशानिर्देश प्रदान करता है। इसमें इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशनों के लिए अतिरिक्त सुरक्षा आवश्यकताएं भी शामिल हैं।

  1. विद्युत संयंत्रों और लाइनों के निर्माणसंचालन एवं रखरखाव के लिए सुरक्षा जरूरतें:

दुर्घटनाओं को रोकने और विद्युत प्रतिष्ठानों के सुरक्षित संचालन को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सुरक्षा मानकों को स्थापित करता है, जिसमें हाल ही में संशोधन करके सुरक्षा ऑडिट तथा हाइड्रो परियोजनाओं के लिए प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली की स्थापना शामिल है।

  1. कोयला आधारित ताप विद्युत उत्पादन इकाइयों का लचीला संचालन:

यह सुनिश्चित करता है कि कोयला आधारित बिजली संयंत्र 40% के न्यूनतम बिजली स्तर के साथ लचीले ढंग से काम कर सकें, जिससे ग्रिड को ऊर्जा मिश्रण के नवीकरणीय स्रोतों की ओर बढ़ने में सहायता मिले।

  1. मीटरों की स्थापना और संचालन:

सटीक बिलिंग सुनिश्चित करने, विश्वसनीयता बढ़ाने और बिजली क्षेत्र में पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए मीटरिंग कार्य प्रणालियों को मानकीकृत करता है।

  1. सांख्यिकीरिटर्न और सूचना प्रस्तुत करना:

केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण को बिजली क्षेत्र के प्रदर्शन की निगरानी और विश्लेषण करने में सक्षम बनाने के लिए ऊर्जा उत्पादन, संचरण व वितरण से संबंधित डेटा प्रस्तुत करना अनिवार्य करता है।

  1. ऊर्जा क्षेत्र में संचार प्रणालियों के लिए तकनीकी मानक:

संचार प्रणालियों के लिए मानक निर्धारित करता है, बेहतर डेटा ट्रांसफर और वास्तविक समय की निगरानी के माध्यम से बिजली ग्रिड की परिचालन दक्षता को बढ़ाता है।

  1. विद्युत संयंत्रों और विद्युत लाइनों के निर्माण के लिए तकनीकी मानक:

सुरक्षा, विश्वसनीयता एवं दक्षता सुनिश्चित करने के लिए विद्युत संयंत्रों और लाइनों के डिजाइन, निर्माण तथा रखरखाव के लिए मानकों को निर्दिष्ट करता है।

केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण का यह संग्रह नीति निर्माताओं, उत्पादकों और संचालकों सहित विद्युत क्षेत्र के सभी हितधारकों के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन है, जो विद्युत उत्पादन, पारेषण व वितरण में उच्चतम मानकों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु एक समेकित संदर्भ प्रदान करता है।