ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली नौसेना कमांडर्स कॉन्फ्रेंस शुरू, दुश्मन को हद में रखने की रणनीति बनेगी

नई दिल्ली, 22 अक्टूबर 2025।
भारतीय नौसेना का द्विवार्षिक कमांडर्स सम्मेलन आज नई दिल्ली में शुरू हो गया है। यह पहला अवसर है जब ऑपरेशन सिंदूर के बाद शीर्ष कमांडर इस सम्मेलन में एकत्रित हुए हैं। सम्मेलन 22 से 24 अक्टूबर तक चलेगा और इसमें नौसेना की ऑपरेशनल तैयारियों, स्वदेशीकरण और संयुक्त अभियानों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
रणनीति और राष्ट्रीय सुरक्षा पर फोकस
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) और वायुसेना प्रमुख इस सम्मेलन को संबोधित करेंगे। सम्मेलन में चर्चा का मुख्य उद्देश्य दुश्मन को हद में रखने और समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने की रणनीतियों को विकसित करना है।
इस बार का एजेंडा विशेष रूप से आधुनिक तकनीक पर केंद्रित है — डिजिटलीकरण, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), मेक इन इंडिया और इंडो-पैसिफिक विजन। इसके साथ ही हिंद महासागर में सुरक्षा की समीक्षा और सामरिक पहलुओं पर गहन विचार-विमर्श किया जाएगा।
ऑपरेशनल तैयारी और आधुनिकरण
सम्मेलन में स्वदेशी उपकरणों और हथियार प्रणालियों के विकास, संयुक्त प्रशिक्षण अभियानों, और क्षेत्रीय समुद्री रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
इस पहल का उद्देश्य नौसेना को हर स्थिति में तैयार रखना और भारत की समुद्री सुरक्षा को स्थिर, मजबूत और भविष्योन्मुख बनाना है।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह पहली कमांडर्स कॉन्फ्रेंस न केवल नौसेना की रणनीतिक दिशा तय करेगी, बल्कि आधुनिक तकनीक और AI-सक्षम उपकरणों के उपयोग के जरिए समुद्री सुरक्षा को नए आयाम प्रदान करेगी।
यह सम्मेलन भारत की नौसैनिक ताकत और हिंद महासागर में स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण मोड़ साबित होगा।
“समुद्र में भारत की ताकत केवल नौसैनिक शक्ति नहीं, बल्कि रणनीति, तकनीक और तैयारियों का संगम है।”