भारत की एआई क्रांति को नई दिशा: प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. अजय कुमार सूद ने लॉन्च की ‘एआई प्लेबुक’, कृषि और एसएमई में बढ़ेगी स्मार्ट तकनीक की पहुंच

नई दिल्ली।
भारत अब कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence – AI) के युग में निर्णायक कदम रख चुका है। देश के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. अजय कुमार सूद ने मंगलवार को ‘कृषि और एसएमई के लिए एआई प्लेबुक’ तथा ‘एआई सैंडबॉक्स श्वेत पत्र’ लॉन्च करते हुए कहा कि अब समय आ गया है जब एआई का लाभ सिर्फ टेक्नोलॉजी कंपनियों तक नहीं, बल्कि किसानों, छोटे उद्यमियों और आम नागरिकों तक पहुँचना चाहिए।
इस अवसर पर प्रो. सूद ने कहा —
“भारत की एआई यात्रा जमीनी स्तर से तय हो रही है। इन प्लेबुक्स के जरिए हम यह सुनिश्चित करेंगे कि तकनीकी प्रगति हमारे किसानों, उद्यमियों और समुदायों के लिए वास्तविक लाभ में परिवर्तित हो।”
‘भविष्य की खेती’ से ‘स्मार्ट खेती’ की ओर — किसानों के लिए एआई प्लेबुक
‘भारत में भविष्य की खेती: कृषि के लिए एआई प्लेबुक’ का उद्देश्य एआई के माध्यम से खेती को आधुनिक और लाभदायक बनाना है। यह पुस्तिका बताती है कि कैसे डेटा, सटीक मौसम पूर्वानुमान, मिट्टी विश्लेषण और बाजार की जानकारी को एआई से जोड़कर किसान उपज बढ़ा सकते हैं, जोखिम घटा सकते हैं और बेहतर दाम पा सकते हैं। इसमें “इम्पैक्ट एआई फ्रेमवर्क” मॉडल दिया गया है, जिसमें सरकार नीति बनाती है, उद्योग समाधान तैयार करते हैं और किसान उन्हें ज़मीनी स्तर पर अपनाते हैं।
कृषि मंत्रालय के डिजिटल सलाहकार श्री अनिंद्य बनर्जी ने कहा —
“डिजिटल फसल सर्वेक्षण जैसे अनुप्रयोगों में एआई के उपयोग से सटीकता और पारदर्शिता बढ़ेगी। यह खेती के हर चरण को तकनीकी दृष्टि से सशक्त बनाएगा।”
छोटे व्यवसायों में एआई से बड़ा बदलाव — एसएमई के लिए रोडमैप जारी
दूसरी पुस्तिका ‘छोटे व्यवसायों का रूपांतरण: भारत के एसएमई के लिए एआई प्लेबुक’ लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) को स्मार्ट तकनीक के जरिए आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक ठोस पहल है। यह बताती है कि कैसे एआई की मदद से छोटे व्यवसाय ऋण की उपलब्धता बढ़ा सकते हैं, उत्पादकता में सुधार कर सकते हैं और बाजार तक अपनी पहुँच का विस्तार कर सकते हैं।
एमएसएमई सचिव श्री एस.सी.एल. दास ने कहा —
“एआई अब केवल बड़ी कंपनियों का औजार नहीं रहेगा। अब यह छोटे व्यवसायों की रीढ़ बनेगा। आने वाले समय में हम उद्योग भागीदारों के साथ मिलकर इसे ज़मीनी रूप देंगे।”
‘एआई सैंडबॉक्स’ — सुरक्षित और भरोसेमंद नवाचार का मंच
तीसरा दस्तावेज़ ‘एआई सैंडबॉक्स श्वेत पत्र’ भारत में एआई समाधान के परीक्षण और मापन के लिए एक सुरक्षित व नियंत्रित वातावरण की रूपरेखा देता है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि एआई आधारित सिस्टम सुरक्षित, पारदर्शी और भारत की प्राथमिकताओं के अनुरूप हों| डब्ल्यूईएफ (विश्व आर्थिक मंच) के सी4आईआर इंडिया प्रमुख श्री पुरुषोत्तम कौशिक ने बताया कि यह ढांचा नवाचार को प्रोत्साहित करेगा और ‘टेस्टिंग से ट्रस्ट तक’ का पुल बनाएगा — जिससे उद्योग और स्टार्टअप्स अपने समाधानों को आत्मविश्वास के साथ लागू कर सकेंगे।
“एआई फॉर इंडिया 2030” — डिजिटल अर्थव्यवस्था का नया अध्याय
इन पुस्तिकाओं को “एआई फॉर इंडिया 2030” पहल के अंतर्गत जारी किया गया है, जिसे प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय (OPSA) और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के मार्गदर्शन में आगे बढ़ाया जा रहा है। इसका मकसद है — एक ऐसी संरचना विकसित करना, जो भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था के केंद्र में उत्तरदायी (Responsible), समावेशी (Inclusive) और प्रभावशाली (Impactful) एआई को रखे।
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी सचिव श्री एस. कृष्णन ने कहा —
“इन रिपोर्टों ने यह दिखाया है कि कैसे एआई को सहजता से कृषि और एसएमई क्षेत्रों में शामिल किया जा सकता है। यह हमारे देश की तकनीकी प्रगति की दिशा में एक ठोस कदम है।”
ज्ञान, नवाचार और नीति — तीनों की साझी पहल
प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय के वैज्ञानिक सचिव डॉ. परविंदर मैनी ने बताया कि भारत के एस एंड टी क्लस्टर (Science & Technology Clusters) इन कार्य योजनाओं के क्रियान्वयन में अहम भूमिका निभाएंगे। दिसंबर 2025 में होने वाले अंतरराष्ट्रीय एस एंड टी क्लस्टर सम्मेलन में एआई को केंद्र बिंदु बनाने की योजना भी साझा की गई है।
“एआई अब भारत के हर खेत और हर व्यापार तक”
यह पहल केवल तकनीकी दस्तावेज नहीं, बल्कि भारत की नई विकास दृष्टि का रोडमैप है — जहाँ एआई केवल मशीनों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि किसानों के खेत, दुकानों के काउंटर और स्टार्टअप्स की लैब्स तक पहुंचेगा। प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. अजय कुमार सूद के शब्दों में —
“हमारी कोशिश यही है कि एआई का हर नवाचार भारत के विकास में योगदान दे — एक ऐसा भारत जहाँ तकनीक इंसान की जगह नहीं लेती, बल्कि उसकी ज़िंदगी बेहतर बनाती है।”