महान अर्थशास्त्री मेघनाद देसाई का निधन: विचारों की एक युगांतकारी ज्योति बुझी, PM मोदी ने दी श्रद्धांजलि

महान अर्थशास्त्री मेघनाद देसाई का निधन: विचारों की एक युगांतकारी ज्योति बुझी, PM मोदी ने दी श्रद्धांजलि

 नई दिल्ली:
भारतीय मूल के विश्वविख्यात अर्थशास्त्री, चिंतक और प्रखर बुद्धिजीवी मेघनाद देसाई का 85 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके निधन की खबर से अकादमिक और राजनीतिक जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित देश-विदेश के कई प्रमुख नेताओं और विद्वानों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके योगदान को युगांतकारी बताया।

ज्ञान, विवेक और दृष्टिकोण के प्रतीक रहे देसाई न केवल एक अर्थशास्त्री थे, बल्कि भारत की नीतिगत सोच को अंतरराष्ट्रीय मंचों तक पहुंचाने वाले एक प्रभावशाली व्यक्तित्व भी थे। लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (LSE) में वर्षों तक अध्यापन करने वाले देसाई को ब्रिटिश संसद के ‘हाउस ऑफ लॉर्ड्स’ में लॉर्ड देसाई के नाम से जाना जाता था। उन्होंने वैश्विक अर्थव्यवस्था, भारत की अर्थनीति, समाजशास्त्र और सांस्कृतिक विषयों पर कई महत्वपूर्ण पुस्तकें लिखीं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर शोक जताते हुए कहा,
"मेघनाद देसाई जी का निधन एक बौद्धिक क्षति है। वे समाज, अर्थव्यवस्था और राजनीति पर अपने गहन विश्लेषण के लिए सदैव याद किए जाएंगे। उनके विचार आने वाली पीढ़ियों का मार्गदर्शन करते रहेंगे। मैं उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।"

कांग्रेस नेता शशि थरूर और रघुराम राजन जैसे कई प्रमुख हस्तियों ने भी उन्हें याद करते हुए कहा कि देसाई वह स्वर थे जो सत्ताओं से प्रश्न पूछते थे, और विकास के नए विमर्श गढ़ते थे।


देसाई का जीवन – प्रेरणा की मिसाल
1939 में वडोदरा (गुजरात) में जन्मे मेघनाद देसाई ने मुंबई विश्वविद्यालय और फिर अमेरिका में पढ़ाई की। उन्होंने अपने विचारों से न केवल अकादमिक संसार को चौंकाया, बल्कि भारतीय राजनीति में भी गहन दखल दिया। वे वामपंथी और उदारवादी सोच के समन्वयक माने जाते थे।

उनका जीवन, भारत और विश्व की नीतिगत धारा को नई दिशा देने की जीवंत कथा रहा।


अंतिम श्रद्धांजलि:
आज जब देश एक महान मस्तिष्क को खो चुका है, उनके विचार, लेखन और बहस की परंपरा हमें प्रेरित करती रहेगी। मेघनाद देसाई की विरासत आने वाले समय में भी आर्थिक सोच की दिशा तय करती रहेगी।


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